पुरुषों को लड़ते-भिड़ते, उठा-पटक करते तो आपने बहुत बार देखा होगा, देखिए औरत की भिड़ंत।ढोल-मंजीरों के संग गीत गाती महिलाओं की टोली...। घेरा बनाकर अपनी महिला पहलवान का उत्साह बढ़ाती और अखाड़े के बाहर खड़े होकर दांव की एबीसीडी सिखाती गांव की महिला पहलवान...। ये नजारा था लखनऊ के गोसाईगंज के अहिमामाऊ गांव में खेली गई ऐतिहासिक महिला कुश्ती 'हापा' का, जिसमें न सिर्फ गांव की बल्कि आसपास के इलाकों की महिला पहलवानों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और जोर आजमाइश की।
गांव में दशकों से चल रही नागपंचमी के दूसरे दिन हापा की परंपरा इस बार भी बदस्तूर निभाई गई। सोमवार को सुबह से ही गांव का माहौल बदला-बदला सा था। हर कोई 'हापा' की एक झलक देखने की तैयारी में लगा था। चाहे वो बच्चा हो या फिर गांव का बुजुर्ग, लेकिन महिलाओं की सख्ती के आगे किसी की ना चली।
हरिश्चंद्र कश्यप के बाग में सोमवार की शाम अखाडे़ में करीब आधा दर्जन महिलाओं ने ताल ठोकी। गूंगी देवी, रीछ देवी, काली व दुर्गा की पूजा के बाद भुइया देवी के जयकारे के साथ कुश्ती का आगाज हुआ।
गांव की पूर्व प्रधान व पूर्व हापा चैंपियन विनय कुमारी ने तुलसा देई को एक ही बार में धूल चटा दी, वहीं अर्जुनगंज की शन्नो रावत ने मिर्जापुर की इंद्रानी को चित कर दिया। कंप्यूटर की पढ़ाई कर रही मनीषा यादव ने अपनी प्रतिद्वंद्वी लक्ष्मी को कड़े मुकाबले में हराया। इसके बाद विनय कुमारी ने सुंदारा व मुन्नी देवी को पटकनी दी। लीलावती ने शांति रावत के जीत के अरमानों पर पानी फेर दिया। मनीषा ने लक्ष्मी को चित कर अपनी जीत दर्ज की।