देश भर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस का एक और वीडियो सामने आया है, जिसे लेकर उसकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। यह वीडियो मेरठ का है और 20 दिसंबर का है। 20 दिसंबर को लोग यहां पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। वीडियो में सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह मुस्लिम प्रदर्शनकारियों को धमकी देते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में सिटी एसपी काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पाकिस्तान जाने की हिदायत दे रहे हैं।
Check this out SP city Meerut UP sending people to Pakistan trying to understand he is really a public servant @ReallySwara @RanaAyyub @anuragkashyap72 @anubhavsinha @navinjournalist @umashankarsingh #CAA_NRCProtests #CAAAgainstConstitution @farah17khan pic.twitter.com/QWvGIcf5n6
— jugnu khan (@thejugnukhan) December 26, 2019
सिटी एसपी वीडियो में यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि जो लोग काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे हैं वह पाकिस्तान चले जाएं। सिटी एसपी को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है , "खाओगे कहीं का और गाओगे कहीं का, आपके फोटो ले लिए गए हैं, लोगों की पहचान हो गई है, गली में कुछ हो गया तो तुम लोग कीमत चुकाओगे।"
सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह ने अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, "जो काली पट्टी और पीली पट्टी बांध रहे हो बता रहा हूं। उनसे कह दो पाकिस्तान चले जाएं। फ्यूचर काला होने में सेकेंड भर लगेगा, एक सेकेंड में सब काला हो जाएगा। देश में नहीं रहने का मन है, पाकिस्तान चले जाओ भैया। बताओ.. नहीं-नहीं फोटो ले लिया हूं, बताऊंगा इनको। इनको बता देना..गली मुझे याद हो गई है, याद रखना मुझे याद हो जाता है तो नानी तक मैं पहुंचता हूं। याद रखिएगा आप लोग। तुम लोग भी कीमत चुकाओगे।" कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मेरठ के सिटी एसपी की भाषा शैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, " भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। बीजेपी ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।"
भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 28, 2019
भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है pic.twitter.com/aR1L6bgSbG