लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल सपा का 5 अक्टूबर को आगरा में प्रस्तावित राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन से पार्टी में एक नए युग की विधिवत शुरुआत हो जाएगी। नवंबर 1992 में गठित समाजवादी पार्टी के हर राष्ट्रीय सम्मेलनों की अध्यक्षता मुलायम सिंह यादव ने की है हालांकि, इसी वर्ष एक जनवरी को लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में बुलाए गए पार्टी के आपात राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन की अध्यक्षता सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने की थी। उसी सम्मेलन में मुलायम सिंह यादव को हटाकर अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई थी। जानकारी के अनुसार मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक घोषित किया गया था। पार्टी और यादव परिवार में मची घमासान के बीच महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने सपा का आपात सम्मेलन बुलाया और अखिलेश यादव को अध्यक्ष घोषित करवा दिया। आपात प्रतिनिधि सम्मेलन को छोड़ दिया जाए तो हर सम्मेलन या बड़ी बैठकों की अध्यक्षता मुलायम सिंह यादव ने की है लेकिन इस बार स्थिति दूसरी रहने की संभावना है।
सपा के प्रतिनिधि सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना है। जानकारों के मुताबिक अखिलेश यादव को एक बार फिर अध्यक्ष चुने जाने की पूरी संभावना है। जानकार मानकर चल रहे हैं कि अखिलेश यादव ही सपा के अध्यक्ष चुने जाएंगे। ऐसा होने पर पोस्टरों और होर्डिंग्स पर प्रमुखता से अखिलेश यादव के ही चित्र दिखाई देंगे। सपा में इसे एक नए युग की शुरुआत के रुप में भी देखा जा रहा है। आगरा के तारघर मैदान में आयोजित सम्मेलन की बैठक शुरु होते ही अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। चुनाव होते ही अध्यक्षीय भाषण होगा। राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। उस पर चर्चा होगी और शाम को दोनों प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। इससे पहले 4 अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। कार्यकारिणी राष्ट्रीय सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रुप देगी। राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव बनाए जाएंगे। शाम 5 बजे अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस कांफ्रेंस भी प्रस्तावित है। राष्ट्रीय सम्मेलन में 15 हजार प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद है।