लखनऊ । आगरा में पांच अक्टूबर को होने जा रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में एक तीर से कई निशाने साधे जाने के संकेत हैं। फिलहाल अखिलेश यादव को मजबूती मिलना तय है। यहां उनके अध्यक्ष के रूप में चुनाव की औपचारिकता पूरी की जानी है। इसके लिए सम्मेलन के एक दिन पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल किए जाने का अनुमोदन प्रस्तावित है। सम्मेलन में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के शामिल होने न होने की अटकलें लगाई जा रहीं हैं लेकिन शिवपाल का न आना लगभग तय है। इस सबके बीच सम्मेलन का परोक्ष टारगेट निकाय चुनाव रहेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी नजर रहेगी। सम्मेलन में 25 राज्यों के 15 हजार प्रतिनिधि शामिल होने का दावा है। यह पहला अवसर है जबकि राष्ट्रीय सम्मेलन महज एक दिन का होगा। इससे पहले राज्य सम्मेलन भी एक ही दिन का था जिसमें आर्थिक और राजनीतिक प्रस्ताव के जरिये सपा ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को मंहगाई और कानून व्यवस्था आदि मुद्दों पर घेरा था।
राष्ट्रीय सम्मेलन में भी आर्थिक राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया जाएगा जिसके जरिये 2019 के लोकसभा चुनाव की जमीन तैयार करने की कोशिश की जाएगी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के अनुसार, सम्मेलन में 2019 के चुनाव की तैयारियों और रणनीति पर भी विचार होगा। देश को जोडऩे और तोडऩे वालों के बीच निर्णायक संघर्ष की भी आधारशिला रखी जाएगी। अखिलेश यादव ने हालांकि अपने पिता मुलायम सिंह यादव को सम्मेलन में आने के लिए उनके आवास जाकर निमंत्रित किया है लेकिन, पार्टी सूत्रों का मानना है कि वह शायद ही जाएं। अभी वह दिल्ली में हैं और उनकी ओर से आगरा सम्मेलन के लिए कोई कार्यक्रम भी नहीं जारी किया गया है।
शिवपाल के नजदीकी लोगों के अनुसार सम्मेलन के लिए उन्हें नहीं बुलाया गया है। उनका न जाना भी तय है। मुख्य प्रवक्ता चौधरी ने बताया कि पांच अक्टूबर को आगरा सदर बाजार, तारघर मैदान पर अखिलेश यादव प्रात: 9 बजे झंडारोहण कर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद आर्थिक-राजनीतिक प्रस्ताव पेश होगा जिस पर प्रतिनिधि अपने विचार रखेंगे। सम्मेलन के एक दिन पहले चार अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। प्रतिनिधियों के आगरा पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।