लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यस्था के मुद्दे पर सवालों के घेरे में है। ऐसा है तो विपक्षी पार्टियां सरकार से सवाल पूछने और उन पर निशाना साधने का कोई मौका क्यों छोड़ दें। तो लीजिये समाजवादी पार्टी ने भी प्रदेश सरकार के कामकाज पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि तीन माह होते-होते प्रदेश के लोग अखिलेश यादव को याद करने लगे हैं।
राजेंद्र चौधरी के अनुसार समाजवादी सरकार में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक-ठाक थी। लेकिन आज तो सरकारी दमन के साथ सत्तारूढ़ दल का भी अत्याचार निर्दोषों के ऊपर कहर बन कर टूटा है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंदसौर में मारे गए किसानों को परिवारों को दो-दो लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा कर दी है। चौधरी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि सीतापुर में एक साथ तीन हत्याओं से कानून-व्यवस्था की पोल खुल रही है। सपा का कहना है कि किसान भाजपा सरकारों से ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि किसान अपना आक्रोश जताने के लिए मंदसौर (मध्य प्रदेश) हौशंगाबाद, नीमच में प्रदर्शन कर रहे हैं।उनके साथ उनके उत्पाद भी सड़क पर हैं। सैकड़ों लीटर दूध सड़कों पर बहाने के साथ फल-सब्जी-अनाज फेंक चुके हैं। तमिलनाड़ु के किसान भी आक्रोशित हैं। महीनों दिल्ली में जंतर-मंतर पर वे धरना दे चुके हैं। किसान अनाज की उचित कीमत न मिलने से नाराज हैं।चौधरी ने कहा, 'भाजपा शासित राज्यों में उनसे बर्बर व्यवहार किया जा रहा है।
मंदसौर में किसानों पर पुलिस ने गोलियां बरसाई। महाराष्ट्र के नासिक में भी किसान आंदोलन जारी है। सपा के मुआवजा घोषित करने के बाद मजबूरी में मध्य प्रदेश सरकार को भी मुआवजा देने का फैसला लेना पड़ा।'उन्होंने कहा कि भाजपा की किसान विरोधी नीति के चलते अब तक तीन वर्ष में ही लाखों किसानों ने आत्महत्याएं की है। उत्तर प्रदेश में हर महीने कर्ज से दबे 50 किसान फांसी पर लटक कर जान दे रहे हैं।