BREAKING: 800 करोड़ का घोटाला हो सकता 'गड्ढामुक्त सड़क' योजना, केशव प्रसाद मौर्या पर लटकी तलवार, 44 हजार किलोमीटर सड़कें जांच के दायरे में

Update: 2017-08-05 06:32 GMT

लखनऊ: सीएम योगी ने सत्ता में आते ही सड़कों को 15 जून तक गड्ढा मुक्त कर ने का बड़ा दावा कर दिया था. इस योजना की कमान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के हाथ में थी. जनशक्ति न्यूज़ के विश्वशनीय सूत्र की मानें तो इस योजना में 800 करोड़ का बड़ा घोटाला हुआ है. सूत्र का कहना है की इसी बात को ले कर सीएम योगी और और मौर्या में इन दिनों ज़बरदस्त तनाव चल रहा है. यही नहीं योगी नहीं चाहते की मौर्य अब डिप्टी सीएम पद पर बने रहें. अगर योगी सरकार ईमानदारी से इस की जाँच करती है तो इस योजना में बड़े पैमाने पर भरष्टाचार साबित हो सकता है. 


आप को बता दें की योगी सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश भर की सभी सड़कों को 15 जून तक गड्ढामुक्त करने आदेश दिया था. युद्धस्तर पर काम भी किया गया और दावा किया गया कि सड़कें गड्ढामुक्त हो गई हैं. लेकिन हकीकत ये है है कि सभी की हालत जस की तस ही है. अब योगी सरकार गड्ढामुक्त सड़कों की हकीकत परखेगी. इसके लिए पीडब्लूडी के वरिष्ठ अधिकारी और इंजीनियर फील्ड में जाकर सड़कों की हकीकत देखेंगे.


20 से 31 अगस्त तक विशेष अभियान चलाकर सड़कों की जांच की जाएगी. जांच के लिए मुख्यालय से 10 टीमों को भेजा जाएगा. दरअसल शिकायत मिली थी कि जिन सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है उनकी गुणवत्ता ख़राब होने की वजह से बारिश में बह गए, जबकि कई जगह कागजों पर ही सड़कों को गड्ढामुक्त करने की भी शिकायत मिली है.


15 जून को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि प्रदेश की 70 फ़ीसदी सड़कें गड्ढामुक्त हो चुकी हैं. लेकिन क्षेत्र के एमएलए और एमपी ने सड़कों के गड्ढामुक्त न होने की शिकायत की है. इसके बाद सरकार ने यह फैसला किया. अधिकारीयों के मुताबिक जिन सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है उनका पूरा ब्योरा विभाग की वेबसाइट पर है. इनमें रेंडम आधार पर अलग-अलग जिलों और क्षेत्रों में सड़कों का चयन कर जांच टीमों को भेजा जाएगा.

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