नरेंद्र मोदी की जुमलेबाजी देश की सवा करोड़ जनता कि वास्तविक समस्या पर प्रहार है! धनंजय यादव

Update: 2017-08-20 08:10 GMT

मोदी का न्यू इंडिया बेरोजगारी,मंहगाई,किसानो कि आत्महत्या,बहु बेटिया सुरक्षित नही अभी अनेको समस्या है इस देश मे जिसको जमीन स्तर पर मजबुत करना होगा. जब नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री मंत्री बने तब जनता ने बहुत बडा जनादेश दिया था जिससे मोदी निष्पक्ष रूप से देश के गरीब,किसानो और मजदूर जैसे वर्ग को प्रथम वरीयता देंगे, तमाम विदेशी निवेश होगा और औधोगिक रूप से देश आगे बढेगा जिससे नौजवानो को रोजगार जैसे मुख्य धारा मे जोडने का अवसर प्राप्त होगा,देश आतंकवाद,सीमापार से संबंधित घुसपैठ,काश्मीर कि दूरगामी समस्या,अखंड हिन्दुत्व के साथ साथ भारत धर्म निरपेक्षता के रास्ते पर अडिग और निर्भीक होकर आगे बढेगा, लेकिन परिणाम आज तीन साल मे भाजपा के कार्यकाल मे क्या हुआ आज सबके सामने है,आज देश मे विभिन्न प्रकार कि जटिल समस्याए प्रमुख रूप से उत्पन्न होगी रही है और उसके जनक आम जनता नही देश के उपराष्ट्रपति,मुख्यमंत्री और राज्यपाल जैसे लोग है जो सर्वोच्च पदो पर आसिन है, अगर यह समस्या आम जनता के द्वारा होती तो बात समझ मे आता,लेकिन जब उपराष्ट्रपति अपने कार्यकाल के अंतिम पडाव परिवार कहते है कि देश के मुस्लमान डरे हुए है "उपराष्ट्रपति महोदय हम आपकी इस बात से सहमत है आज नरेंद्र मोदी के शासनकाल मे केवल मुस्लमान ही नही बल्कि दलित और पिछड़े भी डरे हुए है.


योगी आदित्यनाथ देश के सबसे बडे सूबे के मुख्यमंत्री पद पर है और उनका बयान सीधा सीधा हिन्दू-मुस्लिम विचारधारा को ढेस पहुंचा रहा है अब वो मामला गोरखपुर बालक नरसंहार मे डाॅ.कफील का हो या युपी मे जन्माष्टमी मनाने या नमाज पढने का, देश मे आज किसान पेशाब पी रहे है,प्रधानमंत्री के द्वारा बेरोजगारो को दलाल शब्द से संबोधित किया जा रहा है,मजदूर वर्ग अपने देश मे ही शोषित हो रहा है,अस्ल मुद्दे से सबको भटकाया जा रहा है,धारा 370 का पुरजोर विरोध करके सरकार बनाने वाली आज काश्मीर मे महबूबा मुफ्ती जैसे पाकिस्तानी समर्थक संगठन से गठबंधन करके सरकार चला रहे है और हम सवा करोड़ भारत वासी इस उम्मीद मे है कि धारा 370 कब समाप्त होगी, राममंदिर का मामला सब जानते है कि कोर्ट मे है मगर हर चुनाव मे यह एक चुनावी एजेंडा हो चुका है आस्था के नाम पर रोज गौरक्षको द्वारा मुस्लमान और दलितो का हत्या हो रहा है यह बात प्रधानमंत्री अपने भाषण मे कहते है मगर करे क्या भाजपा कि यही नीति है पहले आग लगाते है फिर खडा होकर उसी पर अपनी रोटी सेंकते है, आखिर हम कब इस समस्या से बाहर निकलेंगे,कब तक हम क्षणिक आनंद की अनुभूति प्राप्त होने वाला और लम्बा लम्बा भाषण सुनेंगे,मनमोहन सिंह बोलते नही थे वह करते थे क्योंकि देश बोलने से नही करने सेवक चलता है,अब समय आ चुका है कि देश के किसान,मजदूर और आम जनता इन सभी समस्याओ पर अम्ल करते हुए इस तानाशाही और व्यापारिक संगठनो कि सरकार को उखाड फेके और अगर ऐसा नही हुआ तो आगे और भीषण समस्या उत्पन्न होगी और इसके जिम्मेदारी होगी नरेंद्र मोदी सरकार की और भारत कि जनता की क्योंकि आज हम जो कुछ भी है उसमे पिछली सरकारों के साथ साथ जनता का भी पुर्ण योगदान था.


धनंजय यादव

प्रदेश महासचिव,

समाजवादी किसान संघ

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