किसानों की सरकार से 11वें दौर की वार्ता आज, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

हजारों किसान, खासकरपंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का यह विरोध प्रदर्शन 26 नवंबर से शुरू हुआ था।

Update: 2021-01-22 06:43 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली चलो के नारे के साथ शुरू किसानों का आंदोलन 58 वें दिन में प्रवेश कर गया है। किसान यूनियनों के नेताओं और केंद्र से आज बातचीत का अगला दौर आयोजित होने की उम्मीद है। हजारों किसान, खासकरपंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का यह विरोध प्रदर्शन 26 नवंबर से शुरू हुआ था। किसान नए कृषि सुधार कानूनों की वापसी और समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की मांग कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन और गणतंत्र दिवस पर उनकी ट्रैक्टर रैली की योजना के मद्देनजर, हरियाणा पुलिस ने कल अपने कर्मियों की छुट्टी अगले आदेश तक रद्द करने का फैसला किया है।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान 26 जनवरी को दिल्ली के व्यस्त आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि इस दिन दिल्ली में बड़े स्तर पर गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम होते हैं। इस बीच केंद्र और किसान यूनियनों के नेताओं के बीच आज महत्वपूर्ण बैठक होनी है। जबकि किसानों ने 18 महीने के लिए कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को निलंबित करने के पिछली बैठक में दिये गए केंद्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

किसान मोर्चा ने कल अपनी आम सभा में, सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और तीनों कृषि सुधार कानूनों को निरस्त करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं के अपने स्टैंड को दोहराया है। किसान मोर्चा के इस फैसले को दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया गया है। कांग्रेस ने भी सरकार से जुमलों की राजनीति को बंद करने की अपील करते हुए कहा है कि सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार के लॉलीपॉप को किसानों द्वारा ठुकराया जाना उनकी जागरूकता को दिखाता है।

आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई ने भी कल कहा था कि वह 26 जनवरी को नई दिल्ली में किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के लिए राज्य भर में मोटरसाइकिल रैली आयोजित करके लोगों का समर्थन जुटाएगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान और उसके किसान विंग के प्रमुख और विधायक कुलतार सिंह संधवान ने एक संयुक्त बयान में कहा कि पार्टी 23 जनवरी (कल) को पंजाब भर में मोटरसाइकिल रैली करेगी।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कहा है कि सरकार को अगले दौर की वार्ता में आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसान सड़कों पर लगभग दो महीने पहले ही बिता चुके हैं। उनका आशय इस मसले के त्वरित समाधान से है।

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