कृषि कानून: 16 विपक्षी पार्टियां एकजुट, कल बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार करने का मुख्य कारण कृषि कानून है, क्योंकि सरकार ने बिना विपक्ष के सहमति के इसे जबरन सदन से पारित कराया है.
जनशक्ति: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच गुरुवार को कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक पार्टियां शुक्रवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगी.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार करने का मुख्य कारण कृषि कानून है, क्योंकि सरकार ने बिना विपक्ष के सहमति के इसे जबरन सदन से पारित कराया है. राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने वाली पार्टियों में कांग्रेस के अलावा एनसीपी, JKNC, DMK, AITC, शिवसेना, एसपी, आरजेडी, सीपीआई (एम), सीपीआई, IUML, RSP, PDP, MDMK, केरल कांग्रेस, AIUDF है.
We're issuing a statement from 16 political parties that we're boycotting President's Address that will be delivered at Parliament tomorrow. The major reason behind this decision is that the Bills (Farm Laws) were passed forcibly in House, without Opposition: GN Azad, Congress pic.twitter.com/9uhtfLKh67
— ANI (@ANI) January 28, 2021
विपक्षी पार्टियां शुरू से ही इन तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रही हैं. किसान भी इन कानूनों के खिलाफ हैं और पिछले दो महीन से भी ज्यादा समय से इनके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. विपक्ष और किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुरू से ही कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया कि वो कृषि कानून के जरिए किसानों को पूंजीपतियों को गुलाम बनाने में लगे हैं. राहुल गांधी का कहना है कि इन कानूनों से किसानों को कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि इससे उनको नकुसान होगा.