लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजलि ने पहले प्रयास में पास की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा
लोकसभा अध्यक्ष की बेटी अंजलि बिरला ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2019 में सफलता हासिल की है। अंजलि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व डॉ. अमिता बिरला की छोटी बेटी हैं।
जनशक्ति: लोकसभा अध्यक्ष की बेटी अंजलि बिरला ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2019 में सफलता हासिल की है। अंजलि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व डॉ. अमिता बिरला की छोटी बेटी हैं। गौरतलब है कि सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट 4 अगस्त को आया था, लेकिन उस समय 927 वैकेंसी के मुकाबले 829 अभ्यर्थियों का रिजल्ट ही घोषित किया गया था। बाकी 89 अभ्यर्थियों की सेकेंड लिस्ट सोमवार को जारी हुई। इस सूची में अंजलि 67वें नंबर पर हैं।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा मांग के अनुसार, अब आयोग ने 2019 सिविल सेवा परीक्षा के आधार पर शेष पदों को भरने के लिए 89 उम्मीदवारों की सिफारिश की है। कोटा के सोफिया स्कूल से आर्ट्स में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने एक साल दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की। एक टीवी चैनल से बातचीत में अंजलि ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा के लिए उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और आईआर (इंटरनेशनल रिलेशन्स) विषय चुने थे।
उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ''इस परीक्षा में चुने जाने पर मैं काफी खुश हूं। मैं समाज के लिए कुछ करने की खातिर सिविल सेवा में शामिल होना चाहती हूं क्योंकि मैंने हमेशा अपने पिता की प्रतिबद्धता देश के लोगों के प्रति देखी।' उन्होंने कहा कि उनकी बड़ी बहन आकांक्षा ने उन्हें परीक्षा पास करने में मदद की जो चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उन्होंने कहा, ''मेरी सफलता का श्रेय विशेष रूप से मेरी बड़ी बहन को जाता है। उन्होंने मुख्य परीक्षा की तैयारियों में मेरी काफी मदद की।'' अंजलि ने कहा कि कोटा में अभिभावक आमतौर पर बच्चों को बायोलॉजी या मैथ्स लेने के लिए ही प्रेरित करते हैं, जबकि इन दोनों विषयों के इतर भी बहुत बड़ी दुनिया है। मैंने सिविल सेवा परीक्षा के अलावा कोई लक्ष्य ही नहीं रखा था।
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं अंजलि
अंजलि चयन के बाद किसी भी सिविल सर्विसेज में काम करने के लिए तैयार हैं लेकिन वह महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि अभी ट्रेनिंग सेशन के बाद पहली प्राथमिकता महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करना है। वहीं, जो भी टास्क मिलेगा उसको पूरी लगन के साथ निभाने की भरपूर कोशिश करेंगी।