Budget 2021: क्या होता है बजट? जानें, कब पेश हुआ देश का पहला बजट? जानिए बजट से जुड़ी सभी खास बातें

1 फरवरी 2021-22 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने जा रही है। इस बार का बजट खास है, क्योंकि ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब बजट दस्तावेजों की छपाई नहीं हुई है और इस बार का बजट पूरी तरह से पेपर लेस है। इस बार का बजट डिजिटली ही रिलीज किया जाएगा।

Update: 2021-01-31 07:16 GMT

नई दिल्ली: 1 फरवरी 2021-22 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने जा रही है। इस बार का बजट खास है, क्योंकि ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब बजट दस्तावेजों की छपाई नहीं हुई है और इस बार का बजट पूरी तरह से पेपर लेस है। इस बार का बजट डिजिटली ही रिलीज किया जाएगा।

बता दें कि बजट तैयार करने की प्रक्रिया 5 महीने पहले से ही शुरू कर दी जाती है और साथ ही अहम बैठकों के बाद ही बजट को तैयार किया जाता है, लेकिन बजट तैयार करने की प्रक्रिया क्या होती है? बजट में क्या-क्या होता है? बजट पेश होने के बाद क्या-क्या होता है? भारत का पहला बजट कब पास हुआ था? तो चलिए जानते हैं बजट से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में...

Budget क्या होता है?

जिस तरह एक व्यक्ति को अपना घर चलाने के लिए एक बजट की जरूरत पड़ती है, वैसे ही देश को चलाने के लिए बजट की जरूरत होती है। हम जो अपने घर का बजट बनाते हैं वो सिर्फ महीनेभर का ही होता है, जिसके बाद हम हिसाब लगाते हैं कि इस महीने में हमने कितना खर्चा किया और कितना कमाया। इसी तरह से देश का भी बजट तैयार किया जाता है। इसमें सालभर के खर्च और कमाई का लेखा-जोखा होता है।

Budget में क्या-क्या होता है?

बजट पास करते समय सरकार 3 तरह के आंकड़ों के बार में बताती है, जैसे कि- बजट एस्टिमेट यानी बजट अनुमान, रिवाइज्ड एस्टिमेट यानी संशोधित अनुमान और एक्चुअल यानी वास्तविक। अब ये तीनों क्या होते हैं, इसे हम आपको पूरी तरह से समझते हैं।

  1. बजट एस्टिमेटः ये पिछले साल का होता है। इस बार 2021-22 के लिए बजट एस्टिमेट बताया जाएगा। यानी इसमें सरकार 2021-22 में होने वाली कमाई और खर्च के अनुमान के बारे में बताएगी।
  2. रिवाइज्ड एस्टिमेटः
    ये पिछले साल का होता है। इस साल जो बजट पास किया जाएगा, उसमें 2020-21 का रिवाइज्ड एस्टिमेट बताया जाएगा। यानी की पिछले बजट में सरकार ने जो अनुमान लगाया था, उस अनुमान के हिसाब से उसकी कितनी कमाई और कितना खर्च हुआ। रिवाइज्ड एस्टिमेट बजट एस्टिमेट से कम-ज्यादा भी हो सकता है।
  3. एक्चुअलः ये दो साल पहले का होता है। इस बार बजट में 2019-20 का एक्चुअल बजट बताया जाएगा। यानी 2019-20 में सरकार को असल में कितनी कमाई हुई और कितना खर्च हुआ।

Budget से पहले क्या-क्या तैयारी होती है

बजट की तैयारी 5 महीने पहले से ही शुरू हो जाती है। आमतौर पर सितंबर के महीने में आर्थिक मामलों के विभाग की बजट डिविजन सभी मंत्रालयों, विभागों, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को सर्कुलर जारी करती है। इसमें उनसे आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए उनके खर्चों का अनुमान लगाते हुए जरूरी फंड बताने के लिए कहा जाता है।

इसके बाद अक्टूबर-नवंबर के महीने में वित्त मंत्रालय दूसरे मंत्रालयों-विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर खास बैठक करते हैं और बैठक में यह तय किया जाता है कि किस मंत्रालय या विभाग को कितनी रकम दी जाएगी। बैठक के बाद एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जाता है। सारी चीजें तय होने के बाद बजट डॉक्यूमेंट की छपाई की जाती है। बताते चले कि बजट पेश होने से 1 हफ्ते पहले वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी की जाती है। इसके बाद ही सभी संबंधित अधिकारियों को वित्त मंत्रालय में रहना होता है और किसी भी बाहरी व्यक्ति से संपर्क करने नहीं दिया जाता। बजट पेश होने के बाद ही सभी अधिकारियों को बाहर जाने की अनुमति दी जाती है।

Budget से पहले पेश किया जाता है इकोनॉमिक सर्वे

इकोनॉमिक सर्वे को अगर आसान भाषा में कहे तो इसे डायरी भी कह सकते हैं, जैसे हम सभी अपने घर के लिए एक डायरी मेंटेन करते हैं और इस डायरी में हम अपने पूरे साल भर के खर्च, कमाई, बचत का हिसाब-किताब लिखते है और इससे ही अंदाजा लगाते हैं कि आने वाले दिनों में कैसे खर्च करना है, कैसे कमाना है और कैसे बचाना है। इकोनॉमिक सर्वे भी ठीक इसी तरह होता है।

1 फरवरी को बजट पेश किया जाता है और बजट से एक दिन पहले ही इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाता है। इस बार का इकोनॉमिक सर्वे 29 जनवरी को पेश किया गया था। इकोनॉमिक सर्वे यानी आर्थिक सर्वेक्षण में बीते साल का लेखा-जोखा और आने वाले साल के लिए सुझाव, चुनौतियां और समाधान होते हैं।

इकोनॉमिक सर्वे को आर्थिक मामलों के विभाग की इकोनॉमिक डिवीजन चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर यानी CEA की देख-रेख में तैयार किया जाता है। इस वक्त CEA डॉक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम हैं। जानकारी के मुताबिक पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था और 1964 तक इसे बजट के साथ ही पेश किया जाता था, लेकिन बाद में इसे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।

Budget से पहले राष्ट्रपति की मंजूरी

बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति की मंजूरी बेहद ही जरूरी मानी जाती है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट के सामने रखा जाता है और उसके बाद संसद के दोनों सदनों में इसे पेश किया जाता है।

Budget पेश होने के बाद क्या होता है?

बजट पेश होने के बाद इसे संसद के दोनों सदनों यानी की लोकसभा और राज्यसभा में पास करना होता है। दोनों सदनों से पास होने के बाद 1 अप्रैल से ये लागू हो जाता है। हमारे देश में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।

जानें, कब आया था देश का पहला Budget

देश का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्तमंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। यह बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक की अवधि के लिए था। 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया गया था।

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