8वें दौरे की बैठक पर किसान ने कहा - सरकार की नीयत में है खोट, एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं!

किसान संगठनों के MSP पर लिखित आश्वासन और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर सरकार ने एक संयुक्त कमेटी बनाने की बात कही है। सरकारी पक्ष का कहना है कि एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या क्या संशोधन किए जाने चाहिए। लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

Update: 2021-01-05 09:30 GMT

किसान आंदोलन : किसान संगठनों ने दिया संकेत, आज बन सकती है सरकार के साथ वार्ता पर बात

नई दिल्ली: केंद्र सरकार (central government) और किसानों के बीच सोमवार को 8वें दौर की बैठक बेनतीजा रही. दरअसल, बैठक में किसान सिर्फ कानून वापसी की मांग पर ही अड़े रहे। वहीं सरकार की ओर से बातचीत के लिए बनाया गया प्रतिनिधिमंडल कृषि कानूनों में संधोधन की बात करता रहा।

किसान संगठनों के MSP पर लिखित आश्वासन और तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर सरकार ने एक संयुक्त कमेटी बनाने की बात कही है। सरकारी पक्ष का कहना है कि एक संयुक्त कमेटी बना देते हैं वो तय करे कि इन तीनों कानूनों में क्या क्या संशोधन किए जाने चाहिए। लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

गौरतलब है कि इसी मामले में किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के सुखविंदर सिंह सभरा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि "सरकार की नीयत में खोट है। 8 जनवरी को 8वें दौर की बात होगी। बातचीत में कुछ निकलता दिखाई नहीं दे रहा। सरकार एक कदम भी पीछे हटने को तैयार नहीं है और उनका कहना है कि कानून फायदेमंद हैं। PM खुद बैठक कर कानूनों को निरस्त करने की बात करें।


वहीं आपको बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 41वें दिन भी जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया से बताया कि "बारिश और ठंड से हमें कोई दिक्कत नहीं हो रही है किसान का जीवन ही संघर्ष है। हम यहां से तभी ही जाएंगे जब सरकार MSP को कानून बना देंगे। इससे पहले हम नहीं जाएंगे।"

मालूम हो कि दिल्ली के सभी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान इस कड़ाके की ठंड में 1 महीने से भी ज्यादा से डटे हुए हैं और सभी किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। साथ ही बता दें कि इनमें से ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से आए हैं।

Tags:    

Similar News