Farmers Protest: किसान नेता राकेश टिकैत का ऐलान- दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर पूरे देश में कल 3 घंटे के लिए होगा चक्का जाम
मोदी सरकार के विरोध में पिछले दो महीने से ज्यादा दिनों से आंदोलन कर रहे किसान अपने जिद पर अड़े हुए है कि जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन इसी तरह से चलता रहेगा.
Farmers Protest: मोदी सरकार के विरोध में पिछले दो महीने से ज्यादा दिनों से आंदोलन कर रहे किसान अपने जिद पर अड़े हुए है कि जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन इसी तरह से चलता रहेगा. इस काले कानून के विरोध में किसानों का यह आंदोलन टैक्टर रैली के बाद 6 फरवरी को और उग्र होने जा रहा है. किसान नेताओं की तरफ से ऐलान हुआ है कि कल दोपहर 12 बजे से 3 बजे से तक देश में चक्का जाम किया जाएगा. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को उतराखंड, उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली में चक्का जाम नहीं करने को लेकर घोषणा की हैं.
There will be no road blockade in Uttar Pradesh and Uttarakhand tomorrow; roads will be blocked in rest parts of the country excluding Delhi. The reason is that they can be called to Delhi any time, so they are kept on standby: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/5F1jddM7j8
— ANI (@ANI) February 5, 2021
मीडिया के बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने यह भी कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे. लेकिन सरकार के विरोध में लोग चक्का जाम में जरूर शामिल हो. राकेश टिकैत के इस ऐलान के बाद खास्कार दिल्ली पुलिस जरूर राहत की सांस ली है. लेकिन 26 जनवरी की तरफ दिल्ली में कोई घटना ना घटित हो पुलिस ने दिल्ली की सभी बॉर्डर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है.
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में कृषि बिलों के खिलाफ किसानों 70 दिनों के अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) की एक रिपोर्ट आई है. जिसमें कहा गया है कि इस आंदोलन से व्यापार में कुल मिलाकर आवक-जावक के रूप में लगभग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार प्रभावित हुआ है. "जिसमें अन्य राज्यों से दिल्ली में आने वाले माल से लगभग 70 लाख रुपये का नुकसान हुआ है और दिल्ली से अन्य राज्यों को भेजे जाने वाले व्यापार में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है.