Janata Curfew Anniversary:एक साल पहले 22 मार्च को देश में क्या हुआ था? याद करा देंगे ये Video

पिछले वर्ष 19 मार्च दिन गुरुवार रात 8 बजे जब भारत में कोरोना के केस बढ़ने लगे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मोर्चा संभालते हुए राष्ट्र को संबोधित किया था।

Update: 2021-03-22 09:07 GMT

नई दिल्ली: देश में कोरोना के खिलाफ अभियान की शुरुआत एक तरह से एक साल पहले आज ही के दिन 22 मार्च, 2020 को 'जनता कर्फ्यू' के साथ शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च, 2020 को रात 8 बजे राष्ट्र के नाम अपने संदेश में 22 मार्च को देश में कोरोना वायरस के खिलाफ 'जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए' 14 घंटे का 'जनता कर्फ्यू' लगाने का आह्वान किया था। इस कर्फ्यू को उम्मीद से कहीं ज्यादा सफलता मिली थी। देश में इस वक्त कोरोना का दूसरा लहर शुरू हो चुका है और महाराष्ट्र जैसे राज्य में कोविड-19 का संक्रमण सारे रिकॉर्ड तोड़े जा रहा है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ देश में शुरू हुई पहली लड़ाई की वर्षगांठ पर लोग उसके बारे में खूब चर्चा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर 'जनता कर्फ्यू' को लेकर तहत-तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

'जनता कर्फ्यू' के दिन क्या हुआ था ?

पिछले साल 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक पूरे देश में 'जनता कर्फ्यू' लगाया गया था। इसका मतलब देश की जनता को खुद से इस कर्फ्यू का पालन करना था और प्रशासन की ओर से किसी तरह की सख्ती नहीं की जानी थी। बावजूद इसके इस कर्फ्यू को अत्यधिक कामयाबी मिली थी। दरअसल, इस कर्फ्यू के जरिए आने वाले लॉकडाउन के लिए लोगों को तैयार करना था। उसी दिन शाम में 5 बजे पीएम मोदी ने लोगों से कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में और उनका उत्साह बढ़ाने के लिए अपने-अपने घरों के बाहर ताली-थाली बजाने का भी आह्वान किया था और लोगों ने उसे भी अच्छी तरह से निभाकर दिखाया था। क्योंकि, जिस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जनता को घरों में रहने के लिए कहा गया था, उससे लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग, पुलिस, सफाईकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी ड्यूटी निभा रहे थे, ताकि अपना देश आबाद रह सके।

'जनता कर्फ्यू' के बाद क्या हुआ ?

'जनता कर्फ्यू' के दो दिन बाद ही यानी 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने रात 8 बजे उसी रात 12 बजे के बाद से 21 दिनों के लिए देशव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसे बाद में तीन बार बढ़ाया गया था। आखिरी बार में लॉकडाउन 18 मई, 2020 को बढ़ाया गया था, जो 31 मई तक जारी रहा। 1 जून, 2020 से देश में धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील देने की कार्रवाई शुरू की गई, जिसे 'अनलॉक' कहा जाने लगा। हालांकि, लॉकडाउन के बावजूद कई बार ऐसी परिस्थियां बनीं, जिससे संक्रमण दूसरे इलाकों तक फैलता चला गया। 'जनता कर्फ्यू' से पहले देश के 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोविड-19 महामारी से बचे हुए थे, लेकिन आने वाले दिनों में इसने लगभग पूरे भारत को अपनी चपेट में ले लिया।

'जनता कर्फ्यू' के एक साल बाद कैसे हैं हालात ?

आज की तारीख में कोरोना की वजह से करीब 1.60 लाख लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन, एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर लॉकडाउन जैसा सख्त कदम नहीं उठाया गया होता तो हालात कल्पना से भी ज्यादा भयावह हो सकते थे। पिछले कुछ दिनों में संक्रमण में फिर से तेजी से इजाफा होने लगा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 46,951 नए केस आए हैं। बीते एक साल में देश में कोरोना के कुल 1,16,46,081 केस सामने आ चुके हैं, लेकिन 1,11,51,48 लोग इससे ठीक भी हुए हैं। इस समय देश में ऐक्टिव केस की संख्या 3,34,646 है। लेकिन, उम्मीद की एक बड़ी किरण ये है कि देश में ही बनी दो कोविड वैक्सीन लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है और रविवार तक के आंकड़ों के मुताबिक कुल 3,95,19,109 करोड़ लोगों को इसका टीका लगाया जा चुका है।

सोशल मीडिया पर क्या कह रहे हैं लोग?

लोग ताली-थाली का वीडियो बनाकर 'जनता कर्फ्यू' के जमकर मजे लगे रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

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