कृषि कानून पर सरकार का बड़ा फैसला, किसानों के साथ होने वाली बैठक स्थगित

गृह मंत्री के साथ बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार बुधवार को प्रस्ताव देगी। गृह मंत्री ने लिखित में प्रस्ताव देने के लिए कहा है। प्रस्ताव पर किसान विचार करेंगे। किसान नेता हनन मुला ने कहा कि संशोधन के लिए सरकार लिखित प्रस्ताव देगी।

Update: 2020-12-09 04:00 GMT

कृषि कानून पर सरकार का बड़ा फैसला, किसानों के साथ होने वाली बैठक स्थगित

जनशक्ति: कृषि कानूनों के विरोध के बीच किसान नेताओं और गृह मंत्री अमित शाह के बीच मंगलवार रात बैठक हुई। गृह मंत्री और 13 किसान नेताओं के बीच यह बैठक 2 घंटे से ज्यादा चली। दिल्ली स्थित ICAR के गेस्ट हाउस में यह बातचीत हुई है। इस बैठक में गृह मंत्री ने साफ कर दिया कि इन कृषि कानूनों को सरकार वापस नहीं लेगी। इसके साथ ही किसान नेताओं और सरकार के बीच बुधवार को होने वाली बैठक स्थगित हो गई।

गृह मंत्री के साथ बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार बुधवार को प्रस्ताव देगी। गृह मंत्री ने लिखित में प्रस्ताव देने के लिए कहा है। प्रस्ताव पर किसान विचार करेंगे। किसान नेता हनन मुला ने कहा कि संशोधन के लिए सरकार लिखित प्रस्ताव देगी। हनन मुला ने यह भी बताया कि बुधवार को सरकार के साथ होने वाली बैठक नहीं होगी। किसान नेता सरकार के प्रस्ताव पर बैठक करेंगे। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुला ने कहा कि सिंघू बॉर्डर पर बुधवार दोपहर 12 बजे हम बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है।


अमित शाह की इन किसान नेताओं के साथ हुई बैठक

गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मुला, शिव कुमार कक्का जी, बलवीर सिंह राजेवाल, रुलदू सिंह मानसा, मंजीत सिंह राय,बूटा सिंह, हरिंदर सिंह लखोवाल, दर्शन पाल, कुलवंत सिंह संधू, बोध सिंह मानसा और जगजीत सिंह ढलेवाल मुलाकात की।

बता दें कि बुधवार को कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत होनी थी, लेकिन अब सरकार और किसान नेताओं के बीच होने वाली छठे दौर की बैठक स्थगित हो गई है। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 13 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है। किसान संगठनों द्वारा लगातार कृषि कानून वापस लेने की मांग की जा रही है।

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