7 राज्यों में बर्ड फ्लू का प्रकोप, इस प्रदेश में मारे जाएंगे 30 हजार पक्षी
केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि जिन इलाकों में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौतें हो रही हैं, वहां से सैंपल लेने की जरूरत है। अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लू के लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए अभियान भी शुरू किया है।
जनशक्ति: कोरोना महामारी के बीच एक और मुसीबत आ गई है बर्ड फ्लू, जिसने देश में पहले से व्याप्त डर को और बढ़ा दिया है। बर्ड फ्लू यानी एवियन इन्फ्लूएंजा उन राज्यों पर दोहरी मार है जो पहले से ही कोरोना से जूझ रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच एक और मुसीबत आ गई है बर्ड फ्लू, जिसने देश में पहले से व्याप्त डर को और बढ़ा दिया है। बर्ड फ्लू यानी एवियन इन्फ्लूएंजा उन राज्यों पर दोहरी मार है जो पहले से ही कोरोना से जूझ रहे हैं। गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और केरल को बर्ड फ्लू ने अपनी चपेट में ले लिया है। इन राज्यों में बड़ी संख्या में कौओं और अन्य पक्षी मरे हुए पाए गए हैं।
केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि जिन इलाकों में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौतें हो रही हैं, वहां से सैंपल लेने की जरूरत है। अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लू के लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए अभियान भी शुरू किया है। राज्य सरकारों ने उन क्षेत्रों में कुछ प्रतिबंध लागू करने के भी आदेश दिए हैं जहां पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं। ऐसी जगहों पर एक किलोमीटर के भीतर अगर कोई पोल्ट्री फॉर्म मौजूद है तो उसे भी नष्ट किया जा सकता है।
केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम के जिला प्रशासन ने दोनों जिलों में बर्ड फ्लू का पता चलने के बाद मुर्गियों और पक्षियों को मारना शुरू कर दिया है। जहां संक्रमण का पता चला है, उन क्षेत्रों में प्रशासन ने पोल्ट्री मांस और इससे जुड़े दूसरे प्रोडक्ट्स की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्षेत्र में और संक्रमण न फैले, इसके लिए 30,000 से ज्यादा पक्षियों को मारने का फैसला किया गया है। इनमें से ज्यादातर पोल्ट्री फॉर्म के पक्षी हैं।
एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस का एक सबटाइप है जो खास तौर से पक्षियों के जरिये फैलता है। यह बीमारी पक्षियों के बीच बहुत तेजी से फैलती है और अत्यंत घातक हो सकती है। पक्षियों से ये बीमारी इंसानों में भी फैलती है। इस वायरस की पहचान पहली बार 1996 में चीन में की गई थी। एशियाई H5N1 मनुष्यों में पहली बार 1997 में पाया गया जब हांगकांग में एक पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियां संक्रमित हो गई थीं।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के मंदसौर में प्रशासन ने मंगलवार को चिकन और अंडे बेचने वाली दुकानों को 15 दिनों के लिए बंद रखने का आदेश दिया है। यहां कौवों में बर्ड फ्लू का पता चलने के बाद अधिकारी सतर्क हुए और इस बारे में उपाय किए गए हैं। मंदसौर में अब तक 100 कौओं की मौत की खबर है। मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने सोमवार को कहा कि राज्य में 23 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 376 कौओं की मौत हुई है।
केरल
अलप्पुझा और कोट्टायम के जिला प्रशासन ने दोनों जिलों में बर्ड फ्लू का पता चलने के बाद मुर्गियों और पक्षियों को मारना शुरू कर दिया है। जहां संक्रमण का पता चला है, उन क्षेत्रों में प्रशासन ने पोल्ट्री मांस और इससे जुड़े दूसरे प्रोडक्ट्स की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्षेत्र में और संक्रमण न फैले, इसके लिए 30,000 से ज्यादा पक्षियों को मारने का फैसला किया गया है। इनमें से ज्यादातर पोल्ट्री फॉर्म के पक्षी हैं।
गुजरात
गुजरात के जूनागढ़ में 53 पक्षियों के शव मिलने के बाद जिले के वन और वन्यजीव अधिकारी अलर्ट पर हैं। अधिकारियों को संदेह है कि पक्षियों की मौत की वजह बर्ड फ्लू हो सकता है।
हरियाणा
हरियाणा के रायपुर रानी में 5 दिसंबर से अब तक सैकड़ों मुर्गियों की मौत हुई है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक पक्षियों में एवियन फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए हैं। हालांकि, जालंधर की लैब में सैंपल भेजे गए हैं और रिपोर्ट का इंतजार है।
हिमाचल प्रदेश/पंजाब
हिमाचल प्रदेश के मशहूर पोंग डैम अभयारण्य और इसके आसपास के इलाकों में पक्षियों की मौतें हुई थीं। जालंधर, पालमपुर और भोपाल की लैब ने इनके सैंपल में H5N1 वायरस की पुष्टि की है। एवियन फ्लू से अब तक 1,900 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है।
राजस्थान
राज्य के विभिन्न हिस्सों में बर्ड फ्लू तेजी से फैल रहा है। खतरे की घंटी 27 दिसंबर को सुनाई दी जब राजस्थान के झालावाड़ जिले में 100 पक्षी मृत पाए गए।