प्रियंका गांधी का मोदी सरकार पर वार, कहा- किसानों को धमकाना लोकतंत्र के विपरीत, जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं वे देशद्रोही

कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 63वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। किसान आंदोलन के चलते कई दौरे की बात हो चुकी है, लेकिन सब विफल रहीं।

Update: 2021-01-28 16:51 GMT

नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 63वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। किसान आंदोलन के चलते कई दौरे की बात हो चुकी है, लेकिन सब विफल रहीं।

गौरतलब है कि कानूनों को लेकर गतिरोध के बीच अन्नदाता गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर ट्रै्क्टर परेड (Tractor Parade) निकालने की तैयारी कर रहे थे। जिसके चलते किसानों ने ट्रैक्टर मार्च के दौरान जमकर बवाल किया और तय रूट से हटकर सेंट्रल दिल्ली में दाखिल हो गए। किसानों की इस रैली के दौरान दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा हुई। प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर जमकर हुड़दंग किया।

वहीं विपक्ष को निशाना साधने कि लिए एक और मौका मिल गया है। किसानों आंदोलन को लेकर देश में जारी ताजा घटनाक्रम पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश की। आज गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है। यह लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है।

प्रियंका गांधी ने आगे लिखा कि कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी। किसान देश का हित हैं। जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं। उन्होंने लिखा कि हिंसक तत्वों पर सख़्त कार्रवाई की जाए लेकिन जो किसान शांति से महीनो से संघर्ष कर रहे हैं, उनके साथ देश की जनता की पूरी शक्ति खड़ी है।

इसी बीच गाज़ीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन के आदेश को कोर्ट में चुनौती देंगे। किसानों की ओर से याचिका दायर की जाएगी। दरअसल, गाजियाबाद प्रशासन ने धरनास्थल खाली करने का आदेश दिया है। किसानों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत दी है।

वहीं बता दें कि आंदोलन को खत्म करने की बात पर किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जब तक सरकार से बात नहीं होगी धरणा प्रदर्शन समाप्त नहीं होगा। जब तक गांव के लोग ट्रैक्टरों से पानी नहीं लाएंगे, पानी नहीं पीऊंगा। वहीं जानकारी के लिए बता दें कि प्रशासन ने पहले ही धरनास्थल से मौजूदा पानी को हटा दिया है। साथ ही बिजली काट दी और वहां से सारी सुविधा भी हटा दी गई है।

मालूम हो कि किसान संगठनों की केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिगेट्स को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प भी की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।

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