कृषि कानूनों पर SC की समिति ने की बैठक, किसानों को लेकर कही ये बड़ी बात

कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 55वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाते हुए इन कानूनों को लागू किेए जाने पर रोक लगा दी है। बता दें कि कोर्ट के अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे।

Update: 2021-01-19 12:10 GMT

नई दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 55वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाते हुए इन कानूनों को लागू किेए जाने पर रोक लगा दी है। बता दें कि कोर्ट के अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे।

गौरतलब है कि कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति ने मंगलवार को अपनी पहली बैठक की है। बता दें कि समिति के सदस्यों ने लगभग दो घंटे तक बैठक की। जिसके बाद उन्होंने मीडिया को संबोधित कर घोषणा कर कहा कि समिति के सदस्य 21 जनवरी को किसानों से मुलाकात करने वाले हैं।

आपको बता दें कि सदस्यों ने बताया कि इस मीटिंग में इसपर भी चर्चा की गई कि यह समिति कैसे काम करेगी। समिति के सदस्यों ने यह भी कहा कि 'कानूनों पर पहले उनकी विचारधारा क्या थी, इससे चर्चा पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।'

समिति के सदस्य अनिल घनवट ने कहा, 'हमारी पहली मीटिंग के बाद पहली बार मीडिया से मिल रहे हैं। हमने यह समिति कैसे काम करेगी, उस पर चर्चा की है। हमें सभी किसान संगठनों से बात करनी है, जो समर्थन में हैं या ख़िलाफ़ हैं। हमें सभी साझेदारों से बात करनी है कि वो क्या कह रहे हैं, क्या वो चाहते हैं कि कानून रद्द करें या रहे'।

उन्होंने कहा कि 'हम सबको सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देंगे। 21 तारीख़ को हम किसानों से मिलेंगे। जो हमसे मिलकर बात करना चाहते हैं उनसे हम मिलेंगे, जो नहीं आ सकते उनसे VC के ज़रिए बात करेंगे।' समिति के सदस्यों ने कहा कि 'हम किसान संगठनों से आग्रह करते हैं कि वो आगे आएं और हमसे बात करें। हम किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं हैं।'

समिति के सदस्यों ने कहा कि 'हमारी पहले विचारधारा क्या थी, उससे फर्क नहीं पड़ता है। हमें अब सुप्रीम कोर्ट को वो बताना कि क्या कह रहे हैं लोग। हम किसान संगठनों से जाकर भी बात करने की कोशिश करेंगे। हम पूरी कोशिश करेंगे। हम सरकार से भी बात करेंगे। हम सबकी बात सुनकर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट देंगे।' समिति ने बताया कि वो एक वेबसाइट बना रही है, जिसपर वो लोगों से मुद्दे पर सुझाव मांगेगी।

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