UP Panchayat Election: अयोध्या में भाजपा को 40 में से केवल 6 सीटें, सपा ने चटाया धूल
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले योगी सरकार को अयोध्या और मथुरा में बड़ा झटका लगा है। पंचायत चुनाव में अयोध्या में भाजपा को 40 में से केवल 6 सीटों पर जीत हासिल हुई। योगी के गृह नगर गोरखपुर में भी सपा ने जोरदार टक्कर दी है। वहीं मथुरा में भाजपा को 33 में से केवल 8 सीटों पर जीत मिली।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले योगी सरकार को अयोध्या और मथुरा में बड़ा झटका लगा है। पंचायत चुनाव में अयोध्या में भाजपा को 40 में से केवल 6 सीटों पर जीत हासिल हुई। योगी के गृह नगर गोरखपुर में भी सपा ने जोरदार टक्कर दी है। वहीं मथुरा में भाजपा को 33 में से केवल 8 सीटों पर जीत मिली।
अयोध्या में पंचायत चुनाव में सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उसे 40 में से 24 सीटों पर जीत हासिल हुई। वहीं बहुजन समाज पार्टी 5 सीटें ही जीत सकी। मथुरा में बीएसपी का बोलबाला रहा। मायावती की बीएसपी को सबसे ज्यादा 13 सीटें मिलीं। वहीं आरएलडी और समाजवादी पार्टी को एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा।
गोरखपुर की बात करें तो भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों को ही 20-20 सीटों पर वियज हासिल हुई। वहीं 23 निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना परचम लहराया। यहां आम आदमी पार्टी ने भी अपना खाता खोल दिया। निषाद पार्टी ने भी एक सीट पर जीत हासिल की। बता दें कि पंचायत चुनाव किसी पार्टी के निशान से नहीं लड़ा जाता है लेकिन उम्मीदवारों को राजनीतिक दलों का समर्थन रहता है।
समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने कहा, यह पार्टी की विचारधारा और नीतियों की जीत है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अयोध्या में केवल 24 सीटों पर जीत ही नहीं हासिल की बल्कि 90 फीसदी जिलों में आगे थी। धार्मिक नगरियों में इस तरह की स्थिति भाजपा के लिए चिंता का कारण हो सकती है। विधानसभा चुनाव में इन शहरों में भाजपा को जोरदार समर्थन हासिल हुआ था।
वहीं स्थानीय नेताओं में इस बात को लेकर बिल्कुल चिंता नहीं है। उनका कहना है कि ज्यादातर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं और वे भाजपा के ही समर्थक है। वे उनके संपर्क में लगातार रहते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि परिषद का अध्यक्ष भाजपा का ही होगा।
बता दें कि कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत के त्रिस्तरीय चुनाव कराए गए। इसी बीच लोग ऑक्सीजन और अस्पताल में बेड के संकट से जूझ रहे थे। इसको लेकर भाजपा सरकार की काफी आलोचना भी की गई। वहीं परिणाम जारी करने के लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया था कि अगर अभी वोटों की गिनती नहीं की जाएगी तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा। हालांकि सरकार ने अपने फैसले पर अडिग रहते हुए परिणाम घोषित करवा दिए।