कोरोना संक्रमित पिता के मौत होने पर जलती चिता में कूदी बेटी, हालत गंभीर

दामोदर दास की 30 साल की बेटी चंद्रा शारदा ने पिता की मौत के सदमे में जलती चिता में छलांग लगा दी, जिसके बाद परिजनों के हाथ पांव फूल गए.

Update: 2021-05-05 13:20 GMT

Barmer: कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के चलते बाड़मेर (Barmer) जिले में दिल को दहलाने वाली घटना सामने आई, जहां पर कोरोना से पिता की मौत के सदमे में एक युवती ने उनकी जलती चिता में कूदकर जान देने का प्रयास किया. परिजनों ने गम्भीर घायलावस्था में जिला अस्पताल पहुंचाया है, जहां प्राथमिक उपचार के जोधपुर (Jodhpur) रैफर कर दिया.

बाड़मेर शहर के रॉय कॉलोनी में रहने वाले 65 वर्ष के दामोदर शादरा कोरोना पॉजिटिव थे. उन्हें उनकी बेटियों ने बाड़मेर राजकीय अस्पताल में भर्ती करा दिया. यहां उनका इलाज चल रहा था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और मौत हो गई. इसके बाद परिजनों द्वारा जिला मुख्यालय के श्मशान घाट पर उसके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी की. चिता को मुखाग्नि दी गई. इस अवसर पर परिजन वहां मौजूद थे.

अचानक दामोदर दास की 30 साल की बेटी चंद्रा शारदा ने पिता की मौत के सदमे में जलती चिता में छलांग लगा दी, जिसके बाद परिजनों के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन में चंद्रा को चिता से बाहर निकाला, तब तक 70 फीसदी शरीर जल गया और बाड़मेर की राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया. यहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर हालात में जोधपुर रेफर कर दिया.

बेटी बहुत दुखी थी

मामले को लेकर श्मशान घाट विकास समिति के भेरू सिंह फुलवरिया ने बताया कि राय कॉलोनी निवासी दामोदर दास का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. उन्होंने श्मसान विकास समिति से उलझकर जहां कोविड संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार होता है, वहां न करवाकर सार्वजनिक श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार किया. उसके बाद अचानक उसकी बेटी जलती चिता में कूद गई. कोरोना संक्रमण में अपनी आंखों के सामने अपनों की जान जाते हुए देख परिजनों का भी धैर्य जवाब दे रहा है और वह सुध बुध खो रहे हैं.

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