कल 'भारत बंद' है! जानें क्या खुलेगा, क्या रहेगा बंद, कौन-कौन हैं बंद में शामिल

मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ लाखों की संख्या में किसान सड़क पर हैं। दिल्ली सीमा पर कई जगह किसानों का आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन का आज 12वां दिन है। किसान तीनों नए कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

Update: 2020-12-07 17:19 GMT

जनशक्ति: मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ लाखों की संख्या में किसान सड़क पर हैं। दिल्ली सीमा पर कई जगह किसानों का आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन का आज 12वां दिन है। किसान तीनों नए कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर पर किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत भी हो चुकी है लेकिन इससे अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। वहीं किसानों और सरकार के बीच एक और दौर की बातचीत 9 दिसंबर को होने वाली है। लेकिन इससे पहले किसानों ने कल (मंगलवार) 'भारत बंद' का ऐलान किया है।

भारत बंद को कई राज्यों के किसानों का समर्थन मिला है। हरियाणा-पंजाब के अलावा यूपी, दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु के किसान भी इस बंद में शामिल होंगे। टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन और दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट्स एसोसिएशन ने भी बंद का समर्थन किया। राजधानी दिल्ली में बंद की वजह से आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। टैक्सी और ऑटो कम मात्रा में चल सकती हैं या फिर पूरी तरह से बंद रह सकती हैं, क्योंकि कई यूनियनों ने भारत बंद का समर्थन किया है। दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख संजय सम्राट के मुताबिक, उनके समेत कुछ अन्य टैक्सी संगठन आठ दिसंबर को भारत बंद में भागीदारी करेंगे और काम बंद रखेंगे।


किसानों के भारत बंद का 20 से ज्यादा राजनीतिक दल भी समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा 10 ट्रेड यूनियन और पेट्रोल पंप एसोसिएशन भी समर्थन में आ गई हैं। ऐसे में 8 दिसंबर को पेट्रोल पंप भी बंद रहेंगे। किसान संगठनों ने रविवार को कुंडली बॉर्डर पर 3 घंटे बैठक कर रणनीति बनाई। झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अलावा वाम दलों समेत विभिन्न गैर राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों ने भी बंद का समर्थन किया है, ऐसे में सड़क और रेल परिचालन को सामान्य बनाए रखना पुलिस-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी।

स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि भारत बंद सुबह से शाम तीन बजे तक रहेगा। इस दौरान दूध-फल-सब्ज़ी पर रोक रहेगी। शादियों और इमरजेंसी सर्विसेज़ पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हम अपने रुख पर अडिग हैं। सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगा'।

देश के कई बड़े नेताओं ने भी बंद में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल होने के लिए निवेदन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, डीएमके के अध्यक्ष एम के स्टालिन, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, लेफ़्ट फ़्रंट के सीताराम येचुरी और डी राजा समेत भारत के 11 बड़े राजनेताओं ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है।

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