अखिलेश का मायावती पर पलटवार, बोले- कुछ लोग BJP के साथ मिले हैं, हमने सच उजागर किय
अखिलेश ने कहा, ''समाजवादी सोच के लोगों का यह मानना था कि राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन करेंगे. कम से कम वोट पड़े तो जनता जाने कि आखिरकार भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कैसे मिली हुई हैं.''
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को राज्यसभा चुुनाव को लेकर बिना नाम लिए बसपा सुप्रीमो मायावती पर पलटवार किया. आचार्य नरेंद्र देव की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने आए अखिलेश यादव ने कहा कि जो भाजपा से चुपचाप मिले हैं, उनका पर्दाफाश जरूरी था. इसलिए उन्होंने राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया. अखिलेश ने कहा, ''हमारा मकसद था कि मतदान हो और सच जनता के सामने आए.''
BJP और BSP आपस में मिली हुई हैं: अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा, ''समाजवादी सोच के लोगों का यह मानना था कि राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थन करेंगे. कम से कम वोट पड़े तो जनता जाने कि आखिरकार भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी कैसे मिली हुई हैं.'' इस दौरान सपा अध्यक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''किसी ने मां गंगा को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया था, उसका क्या हुआ? आज गंगा कितनी साफ है यह सभी लोग जानते हैं. आज जहां हम खड़े हैं यह गोमती नदी का एक किनारा है. गोमती नदी की सफाई के लिए हमने बहुत काम किया था लेकिन आज इसकी हालत आपके सामने है.''
कोरोना को लेकर अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है लेकिन सरकार कम टेस्ट कराना चाहती है, जितने कम टेस्ट होंगे, सच्चाई सामने नहीं आएगी. आज लोगों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है. विकास पर कोई बात नहीं करना चाहता. मैं तो चाहता हूं विकास हो. मेट्रो जहां तक थी आज भी वहीं तक है, एक भी इंच इसका काम आगे नहीं बढ़ा. अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार न तो महापुरूषों के प्रति सम्मान का भाव रखती है और न ही विकास कार्यों में रुचि लेती है. महापुरूषाें के नाम की जो छुट्टियां भाजपा सरकार ने रद्द की हैं उन्हें सपा सरकार बनते ही फिर बहाल किया जाएगा.
राज्यसभा चुनाव को लेकर सपा-बसपा के बीच बढ़ीं तल्खियां
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होने हैं. इससे पहले बसपा के 7 विधायकों ने बगावती तेवर दिखाते हुए समाजवादी पार्टी से नजदीकियां बढ़ा ली हैं. इससे आगबबूला हुईं मायावती ने सभी विधायकों को पार्टी से निलंबित करते हुए जरूरत पड़ने पर भाजपा को समर्थन देने की बात तक कह डाली. मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस वापस लेने पर अफसोस जताया, वहीं अखिलेश यादव को दलित विरोधी करार दिया. माया ने लोकसभा चुनाव 2019 में सपा के साथ गठबंधन को अपनी भूल बताई.