UP: बेड के लिए भटकती रहीं BJP विधायक की पत्नी, अस्पताल से सुरक्षा गार्डों ने भगाया

कोरोना के कहर के बीच व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं और संसाधन कम पड़ गए हैं। आलम यह हो गया है कि भाजपा विधायक की पत्नी को कोविड वार्ड में बेड के लिए दर-दर भटकना पड़ा और गार्ड ने उन्हें लौटा दिया सो अलग।

Update: 2021-05-09 04:55 GMT

आगरा। कोरोना के कहर के बीच व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं और संसाधन कम पड़ गए हैं। आलम यह हो गया है कि भाजपा विधायक की पत्नी को कोविड वार्ड में बेड के लिए दर-दर भटकना पड़ा और गार्ड ने उन्हें लौटा दिया सो अलग। घंटों संघर्ष के बाद पत्नी भर्ती हो गईं तो पिछले 24 घंटे से विधायक को उनकी कोई खोज-खबर नहीं मिल रही। विधायक भी संक्रमित हैं और अपनी पत्नी की कुशलता जानने को बेचैन हैं। मगर उनकी आवाज भी नक्कारखाने में तूती साबित हो रही है।

समीपवर्ती जनपद फिरोजाबाद के जसराना से विधायक रामगोपाल उर्फ पप्पू लोधी और उनकी पत्नी संध्या लोधी कोरोना संक्रमित हो गईं। दोनों का इलाज फिरोजाबाद के ओम हास्पीटल में चल रहा था। गत दिवस संध्या लोधी की तबियत बिगड़ी तो चिकित्सकों ने उन्हें आगरा के एसएन मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। विधायक ने अपनी समस्या आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह को बतायी। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन करके बेड की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। विधायक प्रतिनिधि के साथ संध्या लोधी एसएनएमसी पहुंचीं, काफी देर भटकने के बाद भी कोविड वार्ड के सुरक्षाकर्मियों ने उनको लौटा दिया। बाद में विधायक की बीमार पत्नी को घंटों इधर से उधर दौड़ाते रहे। उनकी हालत खराब होती जा रही थी। संध्या लोधी को सांस लेने में दिक्कत बढ़ी तो प्रतिनिधि ने विधायक को बताया। उन्होंने पुनः डीएम को फोन किया। डीएम ने बाद में अफसरों को आड़े हाथ लिया, तब घंटों की मशक्कत के बाद उन्हें बेड मिल सका।

विधायक का यह हाल, तो आम जनता मर रही होगी

बाद में विधायक रामगोपाल लोधी ने कहा कि जब मेरी डीएम को फोन करके पत्नी को भर्ती करने के लिए कह रहा हूं और कोविड में बैड नहीं मिल पा रहा है। सोचने वाली बात है कि आम जनता की क्या हालत होगी। विधायक ने कहा कि मैं स्वयं इस बार संक्रमित होकर पत्नी के साथ भर्ती था। शनिवार को मेरी भी छुट्टी हुई है। कमजोरी बहुत है। पत्नी के पास तक नहीं जा पा रहा। मन दुखी हो रहा है कि पहली लहर में पूरे साल कोरोना काल में लोगों की मदद को आगे रहा लेकिन खुद की पत्नी बीमार हो गई तो उपचार सही से नहीं मिल पा रहा। रुंधे मन से कहा कि पत्नी की आगरा में कैसी हालत है कोई नहीं पता चल रहा। ये विडम्बना है कि विधायक होकर भी पत्नी के बारे में हालचाल नहीं पता कर पा रहा।

ऑक्सीजन लेवल 72, फिर भी बुजुर्ग को टरकाया

ताजनगरी में कोविड के गंभीर मरीजों को भर्ती करने में कोई कोताही नहीं बरतने के जिला प्रशासन भले ही बड़े दावे कर रहा हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। शनिवार को एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को परिजन गंभीर अवस्था में एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। ऑक्सीजन की जांच की तो पता चला कि सेचुरेशन 72 आ रहा है। निजी अस्पताल ने परिजनों को तत्काल कहा कि उनके यहां बेड नहीं है, एसएन मेडिकिल कालेज ले जाओ। परिजन ऑक्सीजन वाली एंबुलेंस में बुजुर्ग को लेकर दूसरे अस्पताल पहुंचे, वहां से भी उन्हें एसएन जाने के लिए कहा गया। इसके बाद परिजन बुजुर्ग को लेकर एसएन पहुंए। यहां इमरजेंसी में चिकित्सकों ने कहा कि पलंग पर ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है, इस कारण उन्हें किसी दूसरी जगह ले जाएं। भागते-दौड़ते परिजन फिर नेशन हाइवे के पास स्थित एक अस्पताल में पहुंचे। आखिरकार बुजुर्ग को एडमिट कर लिया गया।

गिड़गिड़ाते रहे परिजन, आखिर दूसरी जगह ले गए

वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल है। आए दिन हो रही लापरवाही की शिकायत किसी से छि‍पी नहीं है। शनिवार को एक अस्पतालों की लापरवाही के चलते महिला ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। परिजन इलाज के लिए डाक्टरों के चक्कर लगाते रहे, उनके सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। बाद में महिला के शव को लेकर लौट गए। जानकारी के अनुसार, मामला श्मसाबाद रोड का है। यहां गंभीरअवस्था में आई महिला को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल सका। दरअसल कोविड रिपोर्ट न होने के चलते डॉक्टरों ने महिला का इलाज नहीं किया। महिला के इलाज के लिए उसके परिजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा। महिला की मौत के बाद सड़क पर रोते-बिलखते परिजनों ने डॉक्टरों पर तमाम आरोप लगाए। उनका आरोप है कि कोविड रिपोर्ट न होने के चलते महिला का इलाज समय पर नहीं किया गया और उनकी मौत हो गई।

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