यूपी: विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव का एलान, 1 दिसंबर को वोटिंग, इस दिन आएंगे नतीजे
उत्तर प्रदेश की कुल 100 विधान परिषद सीटें हैं. इनमें से बीजेपी (BJP) के पास महज 21 सदस्य हैं. जबकि सपा के पास 55 सदस्य हैं.
जनशक्ति डेस्क: निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में शिक्षक-स्नातक विधान परिषद सदस्य के चुनाव की तारीख का ऐलान किया है. प्रदेश में एक दिसंबर को विधान परिषद शिक्षक-स्नातक के चुनाव के लिए मतदान होगा. इसमें शिक्षक क्षेत्र के छह तथा स्नातक क्षेत्र की पांच सीटों पर मतदान होगा. इसके लिए 5 नवंबर को अधिसूचना जारी होगी. जबकि प्रत्याशी 12 नवंबर तक अपना पर्चा दाखिल कर सकेंगे. इसके बाद की प्रक्रिया में 17 नवंबर तक नाम वापसी हो सकेगी. एमएलसी शिक्षक-स्नातक चुनाव का मतदान एक दिसंबर को होगा. मतदान सुबह 8 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक होगा. इसका परिणाम 3 दिसंबर को आएगा. बता दें कि प्रदेश में 11 शिक्षक-स्नातक विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 6 मई 2020 को समाप्त हो गया था. उत्तर प्रदेश में कुल 100 विधानपरिषद सदस्यों की संख्या है. बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन शुरु कर दिया है.
बीजेपी के संभावित प्रत्याशी
1-लखनऊ डिविजन ग्रेजुएट-अवनीश सिंह पटेल, 2-वाराणसी डिवीजन ग्रेजुएट- केदारनाथ सिंह, 3-आगरा डिवीजन ग्रेजुएट- मानवेंद्र सिंह, 4- मेरठ डिवीजन ग्रेजुएट- दिनेश गोयल, 5- इलाहाबाद झांसी डिवीजन ग्रेजुएट- डॉ. यज्ञदत्त शर्मा, 6- लखनऊ डिविजन शिक्षक- उमेश द्विवेदी, 7- वाराणसी डिविजन शिक्षक-चेतनाराय़ण सिंह, 8- आगरा डिविजन शिक्षक- दिनेश वशिष्ठ, 9- मेरठ डिविजन शिक्षक- श्रीषचंद्र शर्मा, 10-बरेली मुरादाबाद डिवीजन शिक्षक-हरि सिंह ढ़िल्लो और गोरखपुर फैजाबाद शिक्षक- अजय सिंह संभावित प्रत्याशी हो सकते है.
वाराणसी और गोरखपुर सीट पर संशय
सूत्रों की मानें तो वाराणसी और गोरखपुर क्योंकि सीएम और पीएम का क्षेत्र है इसलिए इसपर कुछ संशय बना हुआ है. प्रत्याशी चयन को लेकर सवाल किए जाने पर बीजेपी महामंत्री अमरपाल मौर्य कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी में प्रत्याशी चयन एक प्रक्रिया है और प्रत्याशी पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है. उत्तर प्रदेश में स्नातक एवं शिक्षक क्षेत्र के 11 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल 6 मई 2020 को पूरा हो चुका है. ऐसे में अप्रैल में इन 11 सीटों पर चुनाव होने थे.
ऐसा है समीकरण
उत्तर प्रदेश की कुल 100 विधान परिषद सीटें हैं. इनमें से बीजेपी के पास महज 21 सदस्य हैं. जबकि सपा के पास 55 सदस्य हैं और बसपा के पास 8 विधान परिषद सदस्य हैं. इसके अलावा कांग्रेस के पास दो सदस्य हैं, जिनमें से एक सदस्य दिनेश प्रताप सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इनके अलावा 5 सदस्य स्नातकों के द्वारा चुने जाते हैं और 6 सदस्य शिक्षक संघ के द्वारा चुनकर आते हैं. इन सदस्यों के क्षेत्र कई जिले और कई मंडलों को मिलकर होते हैं.