Hathras Case में CBI ने दाखिल की चार्जशीट, जांच में किए ये चौंकाने वाले खुलासे
हाथरस कांड में शुक्रवार को सीबीआई ने चारों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने भी अपनी जांच में माना है कि हाथरस में पीड़ित लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था और उसकी हत्या की गई थी।
जनशक्ति: हाथरस कांड में शुक्रवार को सीबीआई ने चारों आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने भी अपनी जांच में माना है कि हाथरस में पीड़ित लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था और उसकी हत्या की गई थी। सीबीआई ने चार्जशीट में चारों आरोपितों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ और एससी-एसटी एक्ट की धारा में केस बनाया गया है। गांव से पीड़ित लड़की के भाई और भाभी को भी सीआरपीएफ की सुरक्षा में कोर्ट पर लाया गया।
निर्णय कोर्ट के ऊपर छोड़ा
हाईकोर्ट में 25 नवम्बर को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आज के दिन चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी। तक़रीबन ढाई माह की जांच के बाद इस मामले की विवेचनाधिकारी सीमा पाहुजा और सीबीआई के अफसर आज हाथरस जिला कोर्ट पहुंचे और एससी/एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। सीबीआई ने 22 सितम्बर को दिए गए पीड़ित लड़की के आखिरी बयान को आधार बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की है और निर्णय कोर्ट के ऊपर छोड़ा है।
ये था मामला
हाथरस कांड की पीड़ित लड़की 14 सितम्बर को अपने गांव के ही खेत में गंभीर हालत में मिली थी। बाद में उसे अलीगढ़ के अस्पताल और उसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसने अपने ही गांव के 4 लड़कों पर गैंग रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद सबसे पहले संदीप को, उसके बाद रवि को नामजद किया गया। उसके बाद 22 सितम्बर को हुए लड़की के बयान पर लव कुश और रामू के नाम मुक़दमे में बढ़ाये गए थे। स्थानीय पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया था।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लड़की की मौत होने और उसका अंतिम संस्कार रातोरात किये जाने के बाद देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इस दौरान यूपी पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पीड़ित लड़की के साथ गैंग रेप न होने का दावा किया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा जिस पर कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई थी। इस मामले में योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई थी जिसने जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
सीबीआई ने एक तरफ जहां जांच के बाद कहा है कि युवती के साथ रेप हुई थी। वहीं, घटना के बाद एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने पीसी के जरिए साफ किया था कि युवती के साथ रेप की घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा था कि गले में चोट लगने और उसके कारण से ट्रॉमा के चलते पीड़िता की मौत हुई है। दरअसल, इस घटना के बाद लगातार यूपी सरकार और यूपी प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे थे क्योंकि पीड़िता के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि उनकी इज्जाजत के बिना पीड़िता का अंतिम संस्कार रात के दो बजे कर दिया गया। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और यूपी के आलाकमानों को तलब किया था।
वहीं, चारों युवकों की गिरफ्तारी के बाद, उसमें से एक ने यूपी पुलिस को पत्र भी लिखा था। जिसमें आरोपित युवक ने कहा था कि उसका पीड़िता के साथ संबंध था। और इस दोस्ती को उसके परिवार वाले पसंद नहीं करते थे इसलिए उसके भाई ने हीं खुद पीड़िता की हत्या कर दी।