Baba Ka Dhaba: बाबा का ढाबा में खाना खाने वोलों की लगी भीड़, रोते बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान

Baba Ka Dhaba: सोशल मीडिया पर ये वीडियो डलते ही आग की तरह वायरल हो गया और फिर स्वरा भास्कर से लेकर रवीना टंडन तक सबने बाबा के ढाबे पर जाकर खाना खाने की लोगों से अपील की. देखते ही देखते बाबा का ढाबा सोशल मीडिया पर हिट हो गया और कुछ ही देर बाद बाबा के ढाबे पर खाना खाने वाले लोगों की भीड़ लग गई. दुकान पर भीड़ देखकर अब बाबा के चेहरे पर भी मुसकान लौट आई है. ट्विटर पर पर #BabaKaDhaba टॉप ट्रेंड कर रहा है. दिल्ली में लोग उनकी दुकान में लोग पहुंच रहे हैं और मदद कर रहे हैं.

Update: 2020-10-08 19:21 GMT

नई दिल्ली: सोशल मीडिया कितना ताकतवर है और कैसे रातों-रात किस्मत बदल सकता है इसकी एक और बानगी देखने को मिली है. दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में एक बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ बाबा का ढाबा चलाते हैं. लॉकडाउन के चलते बाबा के ढाबे पर सेल बहुत कम हो गई. इस दौरान एक यूट्यूबर बाबा के ढाबे पर आया और उनसे बात करने लगा. इस बीच बाबा बताते हुए रो पड़े कि उनकी कमाई नहीं हो रही बल्कि खर्चा भी पूरा नहीं निकल पा रहा है. सोशल मीडिया पर ये वीडियो डलते ही आग की तरह वायरल हो गया और फिर स्वरा भास्कर से लेकर रवीना टंडन तक सबने बाबा के ढाबे पर जाकर खाना खाने की लोगों से अपील की. देखते ही देखते बाबा का ढाबा सोशल मीडिया पर हिट हो गया और कुछ ही देर बाद बाबा के ढाबे पर खाना खाने वाले लोगों की भीड़ लग गई. दुकान पर भीड़ देखकर अब बाबा के चेहरे पर भी मुसकान लौट आई है. ट्विटर पर पर #BabaKaDhaba टॉप ट्रेंड कर रहा है. दिल्ली में लोग उनकी दुकान में लोग पहुंच रहे हैं और मदद कर रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक यूट्यूबर गौरव वासन ने बुजुर्ग जोड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था, ट्विटर पर ये वीडियो आने के साथ ही वायरल हो गया और फिर एक से बढ़कर एक लोगों ने इस वीडियो को सराहा और बाबा की मदद करने की अपील की. वीडियो देख आप नेता सोमनाथ भारती भी 8 अक्टूबर को बाबा का ढाबा में पहुंचे और बुजुर्ग कपल की मुस्कुराहट वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की. उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'बाबा का ढाबा पर पहुंचा और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में मदद की.'

80 साल के बुजुर्ग कांता प्रसाद बताते हैं कि उनके दो बेटे और एक बेटी हैं लेकिन कोई उनकी मदद नहीं करता. वो सारा काम खुद करते हैं और ढाबा भी अकेले ही चलाते हैं. कांता प्रसाद जी की पत्नी उनकी मदद करती है और सुबह 6 बजे से 9 बजे तक पूरा खाना तैयार कर देती हैं. दोनों बुजुर्ग दंपत्ति रात तक दुकान पर ही रहते हैं. कांता प्रसाद का कहना है कि लॉकडाउन से पहले लोग उनके ढाबे पर खाने आते थे लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब लोग नहीं आते.

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