Joe Biden New US President: डोनाल्ड ट्रंप को हराकर बाइडेन बने अमेरिका के अगले राष्ट्रपति
Joe Biden New US President: मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप को हराकर रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने चुनाव जीत लिया है और अब जो बाइडेन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच काफी नजदीकी मुकाबला रहा. जार्जिया और पेनसेल्वानिया के रिजल्ट निर्णायक साबित हुए जिससे ये सुनिश्चित हो गया कि जो बाइडेन ही अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे. जो बाइडेन को 284 वोट मिले हैं जबकि सरकार बनाने के लिए 270 वोट की जरूरत है
Joe Biden New US President: अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर पिछले तीन दिनों से जारी घमासान के बीच आखिरकार डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने बाजी मार ली है. जो बाइडेन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. जो बाइडेन के नाम का औपचारिक एलान हो चुका है वहीं दूसरी तरफ ट्रंप इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का रूख कर सकते हैं. जार्जिया और पेनसेल्वानिया में बाइडेन ने राष्ट्रपति ट्रंप पर बढ़त बनायी और दोनों राज्यों के रिजल्ट आते ही जो बाइडेन का अगला अमेरिकी राष्ट्रपति बनना तय हो गया. माना जा रहा है कि इन दो राज्यों में जीत के बाद जो बाइडन के इलेक्टोरल कालेज में 284 वोट मिले हैं जबकि बहुमत साबित करने के लिए 270 वोटों की जरूरत है. गुरूवार तक लग रहा था कि अमेरिकी चुनाव फंसेगा क्योंकि जो बाइडेन के निकटतम प्रतिद्वंदी मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 214 वोट जीत चुके थे और ट्रंप और बाइडेन के बीच जीत का अंतर काफी कम था. वहीं कमला हैरिस उपराष्ट्रपति चुनी गई हैं.
जो बाइडेन की जीत के पीछे के कारणों की समीक्षा करें तो कुछ मुद्दे हैं जिनपर गौर किया जाना चाहिए. मसलन ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन जो अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ चलाया गया था. इसके अलावा अमेरिका में कोरोना की वजह से जितने लोगों की मौत हुई उसने भी निश्चित तौर पर ट्रंप सरकार की छवि खराब की. इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप की कार्यशैली और उनका बड़बोलापन भी उनके खिलाफ गया.
वहीं जो बाइडेन की बात करें तो पिछले कुछ समय में डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर प्रगतिशील समूह की सक्रियता बढ़ने का फायदा बाइडेन को हुआ. इसके अलावा चुनाव में लिबरल-लेफ्ट समुह आपस में बंटने की बजाए एकजुट हुए जिससे डेमोक्रेटिक पार्टी को फायदा पहुंचा. एक और बड़ा फैक्टर इस चुनाव में देखने को मिला वो था लिबरल मीडिया का खुलकर प्रतिपक्ष बनना और सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलना जिससे लोगों के मन में ट्रंप सरकार के खिलाफ धारणा बनी.