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मकर संक्रांति कब है और क्यों मनाया जाता है। When is Makar Sankranti celebrated and why is it celebrated

भारत में बहुत से त्यौहार मनाये जाते है और इन त्यौहारों में से एक त्यौहार का नाम मकर संक्रांति है। आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको इस त्यौहार के बारे में सभी जानकारी देगे और आपको बतायेगे कि मकर संक्रांति क्यों मनाते है ।

When is Makar Sankranti celebrated and why is it celebrated.
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मकर संक्रांति कब है और क्यों मनाया जाता है। When is Makar Sankranti celebrated and why is it celebrated

भारत में बहुत से त्यौहार मनाये जाते है और इन त्यौहारों में से एक त्यौहार का नाम मकर संक्रांति है। आज के अपने इस आर्टिकल में हम आपको इस त्यौहार के बारे में सभी जानकारी देगे और आपको बतायेगे कि मकर संक्रांति क्यों मनाते है। मकर संक्रांति का त्यौहार हर साल जनवरी के महीने में मनाया जाता है। मकर संक्रांति हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है और इस लिए इस त्यौहार को भारत के सभी राज्यों में अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताओं औररीति-रिवाज के अनुसार मनाया जाता है।

इस मकर संक्रांति त्यौहार से कई मान्यताएं जुडी है। इस मकर संक्रांति के त्यौहार के बाद ही विवाह,अनुष्ठान जैसे शुभ कामों की शुरुआत होती है इसके अलावा इस त्यौहार को किसान अपनी फसल पकने की खुशी में, सुख-समृद्धि और संपन्नता के पर्व के रुप में मनाते हैं। हमारे इस आर्टिकल में आपको मकर संक्रांति पर निबंध दिया गया हैम जिन स्कूल के बच्चों को मकर संक्रांति के निवंध का होमवर्क दिया गया है यह आर्टिकल उनके लिए काफी जरुरी है और वह मकर संक्रांति पर अपना निबंध लिखने के लिए हमारे इस आर्टिकल की मदद ले सकते है।


मकर संक्रांति 2021 में कब है, 2021 तिथि, शुभ मुहूर्त – Makar Sankranti 2021 Date, Time (Muhurat) – Makar Sankranti kab hai?

मकर संक्रांति 2021 तिथि(Makar Sankranti 2021 Date) की बात की जाये तो यह 14 जनवरी 2021 दिन गुरूवार को है। और इसका पुण्य काल मुहूर्त 08:03:07 से 12:30:00 तक है, इसकी अवधि 4 घंटे 26 मिनट है। वहीं महापुण्य काल मुहूर्त 08:03:07 से 08:27:07 तक है और इसकी अवधि 0 घंटे 24 मिनट तक है।

मकर संक्रांति पर निबंध | Essay on Makar Sankranti

प्रस्तावना

जैसा कि आप जानते है कि मकर संक्रांति भारत का एक काफी प्रसिद्ध त्यौहार है। यह त्यौहार हमेशा जनवरी के महीने में मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 में यह त्यौहार 14 जनवरी को मनाया जायेगा। इस मकर संक्रांति के त्यौहार पर सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है। इस त्यौहार पर सभी लोग अपने घरो में तिल की मिठाइयाँ बनाते है और ख़ुशी और हर्षोल्लास के साथ इस मकर संक्रांति के त्यौहार को मनाते है। इस मकर संक्रांति के त्यौहार पर लोग पतंग उड़ाते है।ओर खुशयो के साथ ही अपनी परंपराओं को निभा कर अपनी ख़ुशियों प्रकट करने का नाम मकर संक्रांति त्यौहार है।

मकर संक्रांति कब मनाया जाता है?

हर त्यौहार को मनाने का कोई ना कोई कारण जरुर होता है, इसीलिए मकर संक्रांति को मनाने का एक कारण है। मकर संक्रांति को सूर्य के उत्तरायण में आने पर मनाया जाता है। जब सूर्य उत्तरायण से होकर मकर रेखा से गुजरता है तभी इस त्यौहार को मनाया जाता है। इस वर्ष 2021 की मकर संक्रांति 14 जनवरी 2021 को मनाया जायेगा लेकिन कभी कभी यह त्यौहार एक दिन पहले या एक दिन बाद में भी आता है जिसका मतलब कभी कभी यह मकर संक्रांति 13 जनवरी को या 15 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन ऐसा कभी कभी होता है।

मकर संक्रांति के अन्य नाम

भारत में कई भाषाओ और समुदायों के लोग रहते है जिसके कारण इस मकर संक्रांति के त्यौहार को अलग अलग राज्य में अलग अलग नाम से जाना जाता है। इस मकर संक्रांति को आंध्रप्रदेश, केरल और कर्नाटक संक्रांति कहते है जबकि तमिलनाडु राज्य में इसे पोंगल के पर्व के नाम से जाना जाता है। इसी प्रकार इस मकर संक्रांति के पर्व को पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी के नाम से जाना जाता है। इस मकर संक्रांति को मनाने के अपने अपने अलग अलग मत है कुछ लोग इसको अपनी नई फसल के स्वागत के लिए मनाते है और जबकि कुछ लोग इस त्यौहार को किसी और उद्देश्य के लिए मनाते है, देश के असम राज्य में इसे बिहू के रूप में मनाया जाता है।

मकर संक्रांति पर बनने वाले पकवान और मिठाइयाँ

जिस प्रकार हर त्यौहार पर नये नये और कई तरह के पकवान बनाये जाते है उसी प्रकार मकर संक्रांति पर भी मिठाइयाँ बनाई जाती है। आम तौर पर मकर संक्रांति पर तिल और गुड से बनी हुई मिठाई बनाई जाती है और इस दिन तिल और गुड से बनी हुई मिठाई का भी बहुत ज्यादा महत्त्व होता है।इसके अलावा किसी किसी राज्य में दाल ओर चावल की खिचड़ी भी बनाई जाती है जो मकर संक्रांति की मुख्य पहचान है।

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का महत्त्व

मकर संक्रांति पर बहुत गंगा स्नान और पवित्र नदियों का इस्तेमाल काफी ज्यादा महत्त्व रखता है और इन सब के बाद लोग दान पुण्य भी करते है इस लिए मकर संक्रांति को स्नान और दान का त्यौहार भी कहा जाता है। मकर संक्रांति पर तिल और गुड़, खिचड़ी आदि का दान करने का रिवाज है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन दान करने से सूर्य देवता प्रसन्न होते है।

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाना

यह तो सभी जानते है कि मकर संक्रांति के दिन ही पतंग उड़ाना शुरू हो जाता है और इसके बाद लोग गर्मियों तक पतंग उड़ाते रहते है। मकर संक्रांति एक हर्षोल्लास के त्यौहार है इसलिए इस दिन सभी लोग इस दिन पतग उड़ाते है। मकर संक्रांति के दिन बहुत से लोग क्रिकेट टूर्नामेंट की तरह पतंग का टूर्नामेंट कराते है और लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ इस त्यौहार को मनाते है।

मकर संक्रांति को भारत में निम्न नामों से भी जाना जाता है

मकर संक्रांति: गोआ, ओड़ीसा, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, मणिपुर, राजस्थान, महाराष्ट्र, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, बिहार, और जम्मू

उत्तरायण: दीव दमण, गुजरात, उत्तराखण्ड

लोहड़ी: हरियाणा, पंजाब, हिमाचल

शिशुर सेंक्रात: कश्मीर घाटी

संक्रांत मक्रात: बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश

माघी: हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब

भोगाली माघबिहु: असम

ताईपोंगल, उझवर तिरुनल: तमिलनाडु

खिचड़ी: उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार

सुग्गी: कर्णाटक

घुघूटी: कुमाऊँ

पौष_संक्रान्ति: उत्तरपूर्व भारत, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश

मकर संक्रमण: कर्नाटक

मकरचुला: ओडिशा

माघसाजी: हिमाचल प्रदेश

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