Dharmendra Biography in Hindi | धर्मेन्द्र का जीवन परिचय
Dharmendra Biography in Hindi | बॉलीवुड के महान अभिनेता धर्मेन्द्र जी(Actor Dharmendra) का पूरा नाम “धरम सिंह देओल” है। जिन्हें 1975 में हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म “शोले” में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है।
Dharmendra Biography in Hindi | धर्मेन्द्र का जीवन परिचय
- वास्तविक नाम धर्मेन्द्र सिंह देओल
- जन्म 8 दिसंबर 1935
- जन्मस्थान नस्राली, लुधियाना, पंजाब, भारत
- पिता किशन सिंह देओल (सरकारी स्कूल शिक्षक)
- माता सतवंत कौर
- पुत्र सनी देओल, बॉबी देओल
- शैक्षिक योग्यता 12 वीं पास
- व्यवसाय अभिनेता, निर्माता और राजनीतिज्ञ
- पुरस्कार पद्म भूषण
- नागरिकता भारतीय
भारतीय अभिनेता धर्मेन्द्र (Dharmendra Biography in Hindi) :
Dharmendra Biography in Hindi | बॉलीवुड के महान अभिनेता धर्मेन्द्र जी(Actor Dharmendra) का पूरा नाम "धरम सिंह देओल" है। जिन्हें 1975 में हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म "शोले" में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है। भारतीय फिल्म उद्योग में सबसे सम्मानित दिग्गज अभिनेताओं में से एक, वह हिंदी सिनेमा में अपने योगदान के लिए प्रतिष्ठित फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के प्राप्तकर्ता हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान "पद्म भूषण" से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा धर्मेन्द्र जी 14 वीं भारतीय लोकसभा के सदस्य भी हैं।
धर्मेन्द्र का प्रारंभिक जीवन (Dharmendra Early Life)
धर्मेन्द्र का जन्म धरम सिंह देओल के रूप में 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के नसराली ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम केवल किशन सिंह देओल और माँ का नाम सतवंत कौर है। उनका पैतृक गाँव लुधियाना में पखोवाल के पास का दंगांव था। उनके पिता लुधियाना के लालटन कलां गाँव में एक स्कूल हेडमास्टर थे। उनके शुरुआती साल साहनेवाल गाँव में बीते।
शिक्षा (Dharmendra Education)
उन्होंने लुधियाना के कलन के लालटन की गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। जहाँ उनके पिताजी ही स्कूल के हेडमास्टर थे। उन्होंने इंटरमीडिएट की पढाई 1952 में फगवारा के रामगढ़िया कॉलेज से पूरी की है।
धर्मेन्द्र फिल्मी करियर (Dharmendra Filmy Career)
धर्मेन्द्र ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत अर्जुन हिंगोरानी की 1960 में आई फ़िल्म फ़िल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से की थी। इसके बाद 1961 में आई फिल्म बॉय फ्रेंड में वे सह-कलाकार की भूमिका में नजर आये और फिर 1960 से 1967 के बीच उन्होंने कई रोमांटिक फिल्मे की।
नूतन के साथ (Dharmendra With Nutan Film)
- सूरत और सीरत (1962)
- बंदिनी (1963)
- दिल ने फिर याद किया (1966)
- दुल्हन एक रात की (1967
माला सिंह के साथ (Dharmendra With Mala Singh Film)
- अनपढ़ (1962)
- पूजा के फूल (1964)
- बहारें फिर भी आएँगी (1966)
- नंदा के साथ (Dharmendra with Nanda Film)
- आकाशदीप (1965)
सायरा बानू के साथ (Dharmendra with Saira Banu Film)
- शादी (1962)
- आयी मिलन की बेला" (1964)
मीना कुमारी के साथ (Dharmendra with Meena Kumari Film)
- मैं भी लड़की हूँ (1964)
- काजल (1965)
- पूर्णिमा (1965)
- फूल और पत्थर (1966)
फूल और पत्थर (1966) में उनका एकल किरदार था, जो उनकी पहली एक्शन फिल्म भी थी और इसी फिल्म से लोग उन्हें एक्शन हीरो के नाम से पहचानने लगे थे और इसके बाद उन्होंने 1971 में आई एक्शन फिल्म "मेरा गाँव मेरा देश" की। फूल और पत्थर 1966 की हाईएस्ट-ग्रोसिंग फिल्म साबित हुई और धर्मेन्द्र को इसके लिये बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर में पहला नॉमिनेशन भी मिला था। 1966 में फिल्म "अनुपमा" में उनके किरदार और अभिनय की लोगो ने काफी तारीफ की। 1975 से रोमांटिक और एक्शन दोनों तरह की फिल्मे की।
धर्मेन्द्र की कॉमेडी फिल्मे (Dharmendra Comedy Film)
- तुम हसीं मै जवान (1970)
- दो चार (1972)
- चुपके चुपके (1975)
- दिल्लगी (1978)
- नौकर बीवी का (1983)
हेमा मालिनी के साथ (Dharmendra with Hema Malini)
- शराफत (1970)
- तुम हसीन मैं जवान (1970)
- नया ज़माना (1971)
- राजा जानी (1972)
- सीता और गीता (1972)
- जुगनू (1973)
- पत्थर और पायल (1974)
- दोस्त (1974)
- शोले (1975)
- चरस (1976)
- माँ (1976)
- चाचा भतीजा (1977)
- आज़ाद (1978)
इंडिया टाइम्स ने फिल्म "शोले" को "टॉप 25 मस्ट सी बॉलीवुड फिल्म ऑफ़ ऑल टाइम" भी बताया। 2005 में 50 वे एनुअल फिल्मफेयर अवार्ड के जज ने शोले फिल्म को फिल्म फेयर बेस्ट फिल्म ऑफ़ 50 इयर का अवार्ड भी दिया। 1976 से 1987 के दरमियान धर्मेन्द्र की एक्शन फिल्मे:
- चरस (1976)
- धरम-वीर (1977)
- आज़ाद (1978)
- कातिलों के कातिल (1981)
- ग़ज़ब (1982)
- राजपूत (1982)
- मैं इन्तेकाम लूँगा (1982)
- भागवत (1982)
- जानी दोस्त (1983)
- धर्म और कानून (1984)
- राज तिलक (1984)
- जीने नहीं दूंगा (1984)
- हुकूमत (1987)
डायरेक्टर अर्जुन हिंगोरानी के साथ धर्मेन्द्र 1960 से 1991
- दिल भी तेरा हम भी तेरे (1960)
- कब? क्यु? और कहाँ? (1970)
- कहानी किस्मत की (1973)
- खेल खिलाडी का (1977)
- कातिलों का कातिल (1981)
- कौन करे कुर्बानी (1991)
- उनकी पंजाबी भाषा में फिल्म
- कंकन दे ओले (1970)
- दो शेर (1974)
- दुःख भजन तेरा नाम (1974)
- तेरी मेरी इक जिन्दरी (1975)
- पुत्त जट्टां दे (1982)
- कुर्बानी जट्टां दी (1990)
प्रोड्यूसर के रूप में (Dharmendra As a Producer Film)
- बेताब (1983)
- घायल (1990)
- बरसात (1995)
- सोचा ना था (2005)
- 2003 से कुछ समय तक एक्टिंग से दूर रहने के बाद, बतौर अभिनेता 2007 में उन्होंने फिल्म लाइफ इन ए मेट्रो और अपने की। इसके बाद उनकी दूसरी फिल्म जोहनी गद्दार थी, जिसमे उन्होंने एक विलन का किरदार निभाया था।
- 2011 में उन्होंने फिर अपने बेटो के साथ फिल्म "यमला पगला दीवाना" में काम किया। इसके बाद उन्होंने इसका ही दूसरा भाग "यमला पगला दीवाना 2" (2013) रिलीज़ किया। अपनी बेटी ईशा और पत्नी हेमा के साथ धर्मेन्द्र 2011 में फिल्म "टेल मी ओ खुदा" में नजर आये थे। 2014 में उन्होंने पंजाबी फिल्म "डबल दी ट्रबल" में डबल रोल किया है।
धर्मेन्द्र का निजी जीवन (Dharmendra Married Life)
धर्मेन्द्र ने 1954 में 19 साल की उम्र में पहली शादी प्रकाश कौर से की थी। अपनी पहली शादी से उन्हें दो बेटे हुए सनी देओल और बॉबी देओल। दोनों ही सफलतम अभिनेता है और उनकी दो बेटियाँ विजीता देओल और अजीता देओल भी है।मुंबई आने के बाद फिल्मों में अपने सह-कलाकार हेमा मालिनी से प्यार हो गया और वह उनसे शादी करना चाहती थीं। वह अपनी पहली पत्नी को तलाक नहीं देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 1979 में इस्लाम धर्म अपना लिया और अपना नाम बदलकर दिलावर खान रख लिया। फिर उन्होंने 1980 में हेमा मालिनी से शादी की और दो बेटियां हैं, ईशा देओल और अहाना देओल।
धर्मेन्द्र का राजनीतिक करियर (Dharmendra Political Career)
2004 के जनरल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मेदवार के तौर पे वे राजस्थान के बीकानेर से चुनाव जीते और उन्हें पार्लिमेंट का सदस्य भी बनाया गया। संसद के सदस्य होने के बावजूद वे बहुत कम संसद जाते थे। क्योकि वे अपना ज्यादातर समय फिल्मो की शूटिंग और फार्म हाउस को ही देते थे।
अवार्ड (Dharmendra Awards)
- 1966 में फ़िल्म "फूल और पत्थर" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार
- 1991 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म घायल निर्माता के रूप में फिल्मफेयर अवॉर्ड
- 1997 में सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2007 में IIFA लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2012 में भारत सरकार द्वारा "पद्म भूषण" अवार्ड