Divya Bharti Biography in Hindi | दिव्या भारती का जीवन परिचय
Divya Bharti Biography in Hindi | बॉलीवुड में दिव्या भारती जैसी शायद ही कोई हीरोइन रही हो जिसने करियर के पहले साल में ही 12 फिल्में कीं जबरदस्त हिट हुई, लेकिन दूसरे ही साल मौत को गले लगा कर चली गई। इनका नाम आते ही ‘ऐसी दीवानगी’ और ‘सात समंदर’ याद आता है।
Divya Bharti Biography in Hindi | दिव्या भारती का जीवन परिचय
- नाम दिव्या भारती
- जन्म 25 फरवरी 1974
- जन्म स्थान मुंबई
- पिता ओम प्रकाश भारती
- माता मीता भारती
- पति साजिद नाडियाडवाला
- व्यवसाय अभिनेत्री
- डेब्यू मूवी गुनाह का देवता
- नागरिकता भारतीय
भारतीय अभिनेत्री दिव्या भारती (Divya Bharti Biography in Hindi)
Divya Bharti Biography in Hindi | बॉलीवुड में दिव्या भारती जैसी शायद ही कोई हीरोइन रही हो जिसने करियर के पहले साल में ही 12 फिल्में कीं जबरदस्त हिट हुई, लेकिन दूसरे ही साल मौत को गले लगा कर चली गई। इनका नाम आते ही 'ऐसी दीवानगी' और 'सात समंदर' याद आता है। वह बहुत ही कम समय में खुद को 90 के दशक की प्रमुख अभिनेत्री के रूप में स्थापित करने में कामयाब रही।
प्रारंभिक जीवन (Divya Bharti Early Life)
दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 को मुम्बई में ओम प्रकाश भारती के घर में हुआ, जो एक बीमा अधिकारी थे और उनकी पत्नी का नाम मीता भारती था। दिव्या भारती के अपने पिता की पहली शादी से हुयी संतान थी उन्हें और एक छोटा भाई कुणाल और एक छोटी बहन पूनम हैं।
अपने शुरुआती वर्षों में, दिव्या भारती अपने चुलबुले व्यक्तित्व के लिए जानी जाती थी और सब लोग उन्हें गुड़िया कहते थे।
शिक्षा (Divya Bharti Education)
दिव्या की शुरुवाती शिक्षा मानेकजी कॉपर हाई स्कूल में हुई। दिव्या शुरू से ही पढ़ाई में एक माध्यम स्तर की विद्यार्थी थीं।
शादी (Divya Bharti Personal Life)
दिव्या भारती जब शोला औऱ शबनम की शूटिंग कर रही थीं तब फिल्म के हीरो गोविंदा ने उन्हें निर्देशक निर्माता साजिद नाडियाडवाला से मिलवाया था। दोनों में प्यार हुआ और शादी करने का फैसला कर लिया। दिव्या ने इस्लाम धर्म कबूला और 10 मई 1992 को शादी कर ली।
करियर (Divya Bharti Career)
दिव्या भारती ने बहुत छोटी उम्र में फिल्मों में कैरियर की शुरुआत की। कई असफल प्रयासों के बाद, उन्होंने 16 वर्ष की उम्र के सफल तेलुगु फिल्म "बोब्बिली राजा" (1990) में की। शुरुआती समय में भारती को कम महत्व वाली भूमिकाएँ दी जाती थीं।
उसके बाद दिव्या ने फिल्म 'विश्वात्मा' (1992) से बॉलीवुड में डेब्यू किया। हालांकि इससे पहले वे कुछ तेलेगू फिल्में कर चुकी थीं। विश्वात्मा में ही उन्हें गाना मिला सात समंदर पार मैं तेरे पीछे पीछे आ गई। इस गाने ने दिव्या को गजब की सफलता दिलाई। फिर इसी के बाद दिव्या ने लगातार 10 और हिंदी फिल्में की। जिसमें "शोला औऱ शबनम" (1992), दिल का क्या कसूर (1992), जान से प्यारा (1992), दीवाना (1992), दिल आशना है (1992), गीत भी शामिल थीं।
उसके बाद दिव्या ने "शोला और शबनम" और "दीवाना" जैसे फिल्मों में शाहरुख़ खान, गोविंदा और ऋषि कपूर जैसे प्रशंसनीय अभिनेताओं के साथ सफलता हासिल की जिसके बाद में सर्वश्रेष्ठ महिला पदार्पण के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। दिव्या को दीवाना के लिए लक्स न्यू फेस ऑफ द ईयर अवार्ड भी मिला। एक ही साल में दिव्या ने अपनी अच्छी खासी पहचान बना ली थी।
उन्होंने 1992 और 1993 के बीच 14 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, जिसका हिंदी सिनेमा में कभी ना तुटनेवाले रिकॉर्ड बना गए।
1993 में दिव्या की सिर्फ तीन ही हिंदी फिल्में रिलीज हो पाईं। ये थीं क्षत्रीय, रंग और शतरंज। ऐसा इसलिए क्योंकि ये दिव्या की जिंदगी का अंतिम साल था। उनकी अंतिम पूरी की हुई फिल्में सह अभिनेता कमल सदानाह के साथ "रंग", और अभिनेता जैकी श्रॉफ के साथ "शतरंज", जिन्हें दिव्या भारती के मृत्यु के बाद रिलीज किया गया।
दिव्या भारती को अपने सम्पूर्ण करियर में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा, उन्होंने खुद को ढूंढा और स्वयं का बॉलीवुड में एक सफल मुकाम बनाने में कामयाब भी रहीं।
दिव्या भारती की पूरी फिल्मों में से दो रंग और शतरंज उनकी मृत्यु के कई महीनों बाद रिलीज हुईं। जब उनकी मृत्यु हुई तब उन्होंने अनिल कपूर के साथ फ़िल्म "लाडला" के आधे से ज्यादा भाग को चित्रित किया था। लेकिन बाद में श्रीदेवी को उनकी भूमिका में पुनः किया गया।
उन्हें कई अन्य फिल्मों में जगह दी गई थी, जिसने उन पर मोहो, करर्तव्य, विजयापथ और आंदोलन जैसे हस्ताक्षर किए थे। उनकी अपूर्ण तेलुगू फिल्म थॉली मुंधु का आंशिक रूप से भारतीय अभिनेत्री रंभा ने पूरा किया था, जो थोड़ी थोड़ी दिव्या भारती के समान थी और इसलिए उनके लिए फिल्म के कुछ दृश्यों को पूरा किया।
फिल्में (Divya Bharti Movies List)
- बोब्बिली राजा (1990) – Telugu
- विश्वात्मा (1992)
- जान से प्यारा (1992)
- शोला औऱ शबनम (1992)
- दिल का क्या कसूर (1992)
- दीवाना (1992)
- दुश्मन ज़माना (1992)
- गीत (1992)
- जान से प्यारा (1992)
- दिल आशना है (1992)
- बलवान (1992)
- रंग (1993)
- शतरंज (1993)
- क्षत्रिय (1993)
अवार्ड (Divya Bharti Awards)
1993 में "दीवाना" के लिए 'लक्स न्यू फेस ऑफ द ईयर' अवार्ड भी मिला।
1993 में सर्वश्रेष्ठ महिला पदार्पण के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
दिव्या भारती की मृत्यु (Divya Bharti Death)
दिव्या की अचानक हुई मौत के पीछे कई अटकलें लगाई गईं। कईयों ने इसे आत्महत्या बताया, कुछ ने एक्सीडेंट तो कुछ ने पति को जिम्मेदार बताया। एक वजह ये भी बताई गई कि साजिद के अंडरवर्ल्ड से रिश्ते होने की बात से दिव्या परेशान रहती थीं। उनकी मां के साथ भी उनकी अनबन रहती थी। रिश्तों से हार चुकी दिव्या ने मौत को ही आखिरी रास्ता चुना।
5 अप्रैल 1993 को, लगभग रात के 11 बजे, दिव्या भारती, मुंबई के वर्सोवा के अपने तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें मंजिल की बालकनी से गिर गई। उन्हें कूपर अस्पताल में एक आपातकालीन विभाग में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। 7 अप्रैल 1993 को मुंबई में विले पार्ले श्मशान में उनका अंतिम संस्कार किया गया। मृत्यु के कारण आकस्मिक मृत्यु के रूप में बताया गया था लेकिन उनकी मृत्यु का असली कारण आज भी रहस्य बना हुआ हैं। कई सालों तक तहकीकात करने के बावजूद पुलिस नजीते पर नहीं पहुंच पाई और 1998 में ये केस बंद कर दिया गया।