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एच डी देवगौड़ा की जीवनी | HD Deve Gowda Biography in Hindi

HD Deve Gowda Biography in Hindi | एच.डी. देवगौड़ा भारत के 11वें प्रधानमंत्री बने थे, साथ ही वे कर्नाटक के 14वें मुख्यमंत्री भी बने थे। वे जनता दल राजनीती पार्टी के लीडर थे, और वे कर्नाटका के हसन जिले से सांसद भी चुने गए। देवगौड़ा जी ने अपना ग्रेजुएशन पूरा करते ही 20 साल की उम्र में राजनीती ज्वाइन कर ली थी, शुरुवात में उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी।

एच डी देवगौड़ा की जीवनी | HD Deve Gowda Biography in Hindi
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एच डी देवगौड़ा की जीवनी | HD Deve Gowda Biography in Hindi

एच डी देवगौड़ा की जीवनी | HD Deve Gowda Biography in Hindi

  • पूरा नाम हरदनहल्ली दोद्देगोव्डा देवगौड़ा
  • जन्म 18 मई 1933
  • जन्मस्थान हरदनहल्ली, कर्नाटक
  • पिता दोद्देगोव्दा
  • माता देवंमा
  • पत्नी चेन्नम्मा
  • व्यवसाय राजनेता, किसान, सिविल इंजीनियर
  • पुरस्कार महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार
  • राजनैतिक पार्टी जनता दल
  • नागरिकता भारतीय

भारत के 11वें प्रधानमंत्री हरदनहल्ली डोद्देगोव्दा देवगौड़ा (HD Deve Gowda Biography in Hindi) :

11th Prime Minister of India Hardanahalli Doddegowda Devgowda: एच.डी. देवगौड़ा भारत के 11वें प्रधानमंत्री बने थे, साथ ही वे कर्नाटक के 14वें मुख्यमंत्री भी बने थे। वे जनता दल राजनीती पार्टी के लीडर थे, और वे कर्नाटका के हसन जिले से सांसद भी चुने गए। देवगौड़ा जी ने अपना ग्रेजुएशन पूरा करते ही 20 साल की उम्र में राजनीती ज्वाइन कर ली थी, शुरुवात में उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी।

प्रारंभिक जीवन (HD Deve Gowda Early Life) :

देवगौड़ा का जन्म कर्नाटका के हसन जिले के होलेनारासिपुरा तालुका के हरदनहल्ली ग्राम में 18 मई 1933 को वोक्कालिगा जाती के परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता दोद्दे गोवडा और देवम्मा एक मध्यम वर्गीय खेती करने वाली पृष्टभूमि से थे। इसीलिए बचपन से ही वे किसानो की तरह कड़ी मेहनत करना जानते थे और बचपन से ही वे किसानो के हक़ के लिए लढने लगे थे।

शिक्षा और शादी (HD Deve Gowda Education and Marriage) :

श्रीमती एल.वी. पॉलिटेक्निक कॉलेज, हसन, कर्नाटक से उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया था।

उन्होंने चेन्नम्मा से शादी कर ली और उन्हें चार बेटे और दो बेटियाँ भी हुई। उनके एक बेटे एच डी कुमारस्वामी कर्नाटका के मुख्यमंत्री भी रह चुके है।

राजनीतिक करियर (HD Deve Gowda Political Career) :

  • राजनीती में आते ही देवगौड़ा जी 1953 में भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में दाखिल हुए थे और 1962 तक वे पार्टी के सदस्य बने रहे उस समय में वे आंजनेय कोआपरेटिव सोसाइटी, होलेनारासिपुरा के अध्यक्ष भी थे और तालुका डेवलपमेंट बोर्ड, होलेनारासिपुरा तालुका, हसन के सदस्य भी थे।
  • 1962 में देवगौड़ा की नियुक्ती होलेनारासिपुरा निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मेदवार के रूप में कर्नाटक विधि असेंबली में की गयी थी। इसके बाद इसी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार छः बार 1962 से 1989 तक वे कर्नाटक विधि असेंबली में चुने गये थे।
  • कांग्रेस में चल रहे मनमुटाव के समय में वे पार्टी में विरोधी नेता के रूप में दाखिल हुए थे और मार्च 1972 से मार्च 1976 तक और फिर दोबारा नवम्बर 1976 से दिसम्बर 1977 तक विरोधी नेता बने रहे।
  • 1975 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इमरजेंसी का एलान किया, तब उस दौरान देवगौड़ा जी ने इसका विरोध किया, जिस वजह से उन्हें 18 महीने जेल में भी गुजारने पड़े। जेल में रहने के दौरान भी देवगौड़ा जी राजनीती से दूर नहीं रहे, वे वहां भी राजनीती से जुडी किताबें पढ़ते रहते थे, ताकि वे राजीनीति के दाव पेंच सिख सके।
  • 22 नवम्बर 1982 को देवगौड़ा जी ने छटवी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। इसके कुछ समय बाद वे सामाजिक व सिचाई विभाग के मंत्री बन गए, साथ ही सातवी व आठवी विधानसभा के सदस्य बन गए। सिचाई मंत्री होने के नाते उन्होंने बहुत से सिचाई के कार्य शुरू किये। देवगौड़ा जनता पार्टी के स्टेट यूनिट से दो बार प्रेसिडेंट के पद पर चुने गये थे। 1983 से 1988 तक श्री रामकृष्ण के नेतृत्व में उन्होंने कर्नाटक में जनता पार्टी में मिनिस्टर बने रहते हुए सेवा की थी।
  • इसके बाद 1994 देवगौड़ा जी को जनता दल पार्टी का लीडर बना दिया गया। इसके बाद 1994 में कर्नाटक के 14 वे मुख्यमंत्री बने रहते हुए उन्होंने अपने राज्य की सेवा की थी।
  • जनवरी 1995 में देवे स्विट्ज़रलैंड की यात्रा पर भी गये और वहाँ इंटरनेशनल इकोनॉमिस्ट फोरम में भी वे उपस्थित थे। उनकी सिंगापूर यात्रा का फायदा पुरे देश को हुआ और इस यात्रा के बाद देश में फॉरेन इन्वेस्टमेंट का प्रमाण भी बढ़ा था।

प्रधानमंत्री बने (HD Deve Gowda as Prime Minister) :

1996 में जब कांग्रेस पार्टी आम चुनाव में हार गई तब पी.वी. नरसिम्हा राव ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद देवगौड़ा 11वें प्रधानमंत्री बनाये गए। वैसे इस चुनाव में जीत बीजेपी की हुई थी। जिसके बाद अटल बिहारी बाजपेयी को प्रधानमंत्री बनाया गया, लेकिन बीजेपी बाकि पार्टियों से समर्थन नहीं मिला जिसके बाद उनकी सरकार गिर गई।

इसके बाद एक गठ्बंधित सरकार जिसमें नॉन कांगेस व नॉन बीजेपी लोग थे, इस गठ्बंधित सरकार के लीडर देवगौड़ा जी बनाये गए। प्रधानमंत्री बनने के बाद देवगौड़ा जी ने कर्नाटका के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। देवगौड़ा जी 1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997 तक प्रधानमंत्री रहे।

2014 में देवगौड़ा जी एक बार 16 वी लोकसभा के सदस्य चुने गए। 82 साल की उम्र में भी देवगौड़ा जी भारतीय राजनीती में पूरी तरह से एक्टिव है, उनकी राजनीती समझ आज भी लोगों को मार्ग दिखाती है। राजनीती में अकेले खड़े होकर कैसे पैर जमाये जा सकते हैं, ये हमें देवगौड़ा जी के जीवन से सिखने को मिलता है। |

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