History of AMU | स्थापना के लिए सर सैयद ने मांगा था चंदा, पहला ग्रेजुएट छात्र था हिंदू, जानिए रोचक तथ्य
देश ही नहीं बल्कि दुनिया की मशहूर यूनिवर्सिटी में से एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) 22 दिसंबर 2020 को पूरे 100 साल की हो गई है। इस ऐतिहासिक मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल तरीके से यूनिवर्सिटी के 100 साल पूरे होने पर हो रहे कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। नरेन्द्र मोदी दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री है जो AMU के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। नरेन्द्र मोदी से पहले साल 1964 में लाल बहादुर शास्त्री AMU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे।
History of AMU | देश ही नहीं बल्कि दुनिया की मशहूर यूनिवर्सिटी में से एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) 22 दिसंबर 2020 को पूरे 100 साल की हो गई है। इस ऐतिहासिक मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल तरीके से यूनिवर्सिटी के 100 साल पूरे होने पर हो रहे कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। नरेन्द्र मोदी दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री है जो AMU के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। नरेन्द्र मोदी से पहले साल 1964 में लाल बहादुर शास्त्री AMU के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। तो चलिए एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के 100 साल पूरे होने के मौके पर जानते है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास (History of AMU) के बारे में? साथ ही यह भी जानेंगे कि सर सैयद अहमद खान कौन थे?
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना कब हुई? (When did establish AMU)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के स्थापना की बात करे तो बता दे कि AMU की स्थापना साल 1920 में हुई थी। उस समय बेगम सुल्ताना को यूनिवर्सिटी का पहला चांसलर (First Chancellor of AMU) बनाया गया जबकि राजा महमूदाबाद को वाइस चांसलर बनाया गया था।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक कौन थे? (aligarh muslim university founder)
AMU के संस्थापक थे सर सैयद अहमद खान। सर सैयद अपने समय के महान समाज सुधारक थे। सर सैयद के मन में सबसे पहले आधुनिक शिक्षा का ख्याल साल 1870 में आया। वह उस समय बनारस में सिविल जज के तौर पर पोस्टेड थे। इस दौरान उनका लंदन आना-जाना लगा रहता था। वहां ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसी यूनिवर्सिटी देखकर सर सैयद के मन में भी विचार आता था कि भारत में भी ऐसी ही यूनिवर्सिटी बनाई जाए। 9 फरवरी 1873 को सर सैयद ने इसके लिए एक कमिटी बनाई। साल 1875 में सर सैयद ने एक स्कूल शुरू किया क्यों कि उस समय प्राइवेट यूनिवर्सिटी बनाने की परमिशन नहीं मिलती थी। स्कूल शुरू होने के 2 साल बाद 1877 को मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज शुरू किया गया। आगे चलकर साल 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना।
अलीगढ़ में ही क्यों हुई यूनिवर्सिटी की स्थापना (Why established in Aligarh)
यूनिवर्सिटी की स्थापना अलीगढ़ में ही क्यों हुई, इसके पीछे भी तीन सदस्यीय कमेटी द्वारा रिसर्च की गई थी। इस कमेटी द्वारा की गई रिसर्च में सामने आया था कि नॉर्थ इंडिया में सबसे बढ़िया वातावरण अलीगढ़ का है। इसके अलावा अलीगढ़ के आसपास कोई नदी या झरना नहीं है, जिससे यहां बाढ़ आने की कोई सम्भावना नहीं थी। इसके अलावा अलीगढ़ में उस समय जमीन के अंदर पानी का लेवल 23 फीट पर था। ऐसे में अकाल पढ़ने की संभावना भी ना के बराबर थी। साथ ही उस समय अलीगढ़ में रेलवे ट्रैक और जीटी रोड बन चुका था, जिससे आसपास के बच्चों को अलीगढ़ आने के लिए ज्यादा परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता। इन्ही सब चीजों को देखते हुए यूनिवर्सिटी की स्थापना अलीगढ़ में की गई।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना कैसे हुई? (How was AMU established)
दैनिक भास्कर में छपे एक लेख के अनुसार सर सैयद ने यूनिवर्सिटी बनाने के लिए खूब संघर्ष किया था। यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए पैसे की जरुरत थी, जिसके लिए लिए सर सैयद ने भीख भी मांगी। लोगों से चंदा इकट्ठा किया गया और नाटक में भी काम किया। यही नहीं सर सैयद ने यूनिवर्सिटी बनाने के लिए तवायफों के कोठों पर भी चंदा लेने के लिए पहुँच गए। हालांकि सर सैयद के इस कदम का कट्टरपंथियों ने विरोध भी किया था, जिसे सर सैयद ने यह कहते हुए शांत किया कि इस पैसों का इस्तेमाल टॉयलेट बनाने में किया जाएगा।
कॉलेज का पहला ग्रेजुएट छात्र हिंदू था
बहुत कम लोग जानते है कि मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज जो कि आगे चलकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) बना, उस कॉलेज का पहला ग्रेजुएट छात्र हिंदू था। दरअसल साल 1881 में 4 लड़कों ने पोस्ट ग्रेजुएशन का इम्तिहान दिया था। उनमें से तीन फेल हो गए थे। ईश्वरी प्रसाद पहले स्टूडेंट के तौर पर पास आउट हुए थे। बाद में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आज कैसी है
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी जब शुरू हुई थी तब इसमें 15 विभाग थे लेकिन आज यूनिवर्सिटी में 108 विभाग है। यह करीब 1200 एकड़ में फैली है। यूनिवर्सिटी में 300 से ज्यादा कोर्स हैं। यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 7 कॉलेज, 2 स्कूल, 2 पॉलिटेक्निक कॉलेज के साथ 80 हॉस्टल हैं। यहां 1400 टीचर है और 6000 के करीब नॉन टीचिंग स्टाफ है।