Kishore Kumar Biography in Hindi | किशोर कुमार का जीवन परिचय
Kishore Kumar Biography in Hindi | किशोर कुमार एक महान पार्श्वगायक, अभिनेता, संगीतकार, निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक थे। उन्होने 600 से भी अधिक हिन्दी फिल्मों के लिए गाने गाये। उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाये।
Kishore Kumar Biography in Hindi | किशोर कुमार का जीवन परिचय
- पूरा नाम आभास कुमार गांगुली
- जन्म 4 अगस्त, 1929
- जन्मस्थान खंडवा (म.प्र.)
- पिता कुंजालाल गांगुली
- माता गौरी देवी
- पत्नी रुमादेवी, मधुबाला, योगिता बाली, लीना चंद्रावरकर
- पुत्र अमित कुमार, सुमित कुमार
- व्यवसाय गायक, अभिनेता
- पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्व गायक के लिए फिल्मफेयर अवार्ड
- नागरिकता भारतीय
भारतीय पार्श्वगायक किशोर कुमार (Kishore Kumar Biography in Hindi)
Kishore Kumar Biography in Hindi | किशोर कुमार एक महान पार्श्वगायक, अभिनेता, संगीतकार, निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक थे। उन्होने 600 से भी अधिक हिन्दी फिल्मों के लिए गाने गाये। उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाये। हिंदी फ़िल्मों में गाने के अलावा उन्होंने बंगाली, मराठी, असम, गुजरती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, ओड़िसा और उर्दू सहित कई भाषाओँ में गाया है।
प्रारंभिक जीवन (Kishore Kumar Early Life)
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में आभास कुमार गांगुली के रूप में हुआ था। किशोर कुमार के पिता कुंजीलाल गांगुली एक वकील थे और माँ गौरी देवी एक गृहणी थी। किशोर कुमार अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। किशोर कुमार ने ईसाई कॉलेज इंदौर से स्नातक किया है।
शादि (Kishore Kumar Marriage)
किशोर कुमार ने चार शादियाँ की थी। किशोर कुमार की पहली पत्नी रुमा गुहा ठाकुर उर्फ रुमा घोष, जोकि एक प्रसिद्ध गायिका थीं। उनकी शादी 1950 से 1958 तक, सिर्फ 8 वर्षों तक ही चली। रूमा और किशोर कुमार का एक बेटा है जिनका नाम अमित कुमार है जो कि फ़िल्मों में अभिनेता, गायक, संगीत निर्देशक और फिल्म निर्देशक है।
1960 में किशोर कुमार ने मधुबाला से शादी की और मधुबाला से शादी करने के लिए उन्होंने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और उनका नाम बदलकर करीम अब्दुल हो गया। 1969 में मधुबाला का निधन हो गया और उनकी शादी समाप्त हो गई।
किशोर कुमार ने तीसरी शादी योगिता बाली से की थी, जो 1976 से 1978 तक सिर्फ 2 साल ही चली। किशोर कुमार की चौथी पत्नी लीना चंदावरकर थी, जो उनके जीवन के आखिरी दिनों तक उनके साथ रही थी।
करियर (Kishore Kumar Career)
किशोर कुमार का प्रवेश फ़िल्म जगत में बग़ैर किसी औपचारिक प्रशिक्षण के हुआ था। इसका सबसे बड़ा कारण उनके भाई अशोक कुमार का फिल्म जगत में प्रभाव का होना था। अशोक कुमार और किशोर कुमार के उम्र में 18 साल का अंतर था जिसका फ़ायदा यह हुआ कि किशोर काफ़ी कम उम्र में ही फ़िल्मों में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गए। छोटी उम्र में ही वो बॉम्बे टॉकीज के लिए कोरस गायक बन गए थे, इसमें अशोक कुमार ने काम किया था।
किशोर कुमार की पहली फिल्म और गीत (Kishore Kumar's Debut Film and Song)
1946 में इन्होने फ़िल्म शिकारी में पहली बार अभिनय करने का मौका मिला। उस वक्त उनकी उम्र मात्र 17 साल की थी। एक गायक के रूप में 1948 में उन्होंने फिल्म जिद्दी के लिए एक गीत गाया था जिसके बोल थे 'मरने की दुआएं क्यों मांगू'।
1949 में किशोर फ़िल्म उद्योग मे पुरी तरह जम गए। 1951 में फ़िल्म आंदोलन, 1954 में नौकरी और 1957 में मुसाफ़िर जैसी फिल्मों में मुख्य भूमिकाओं को निभाया। किशोर कुमार की आंतरिक प्रतिभा पार्श्व गायकी का इस्तेमाल फ़िल्म मशाल के दौरान एस डी बर्मन ने बखूबी किया था। जिसके बाद किशोर ने कई फ़िल्मों जैसे की 1954 में मुनिजी, 1957 में नौ दो ग्यारह के लिए गाया।
किशोर दा एक बहुमुखी प्रतिभा वाले शख्सियत थे, जो कि न सिर्फ एक अभिनेता, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और सिंगर के तौर पर फेमस थे, बल्कि किशोर दा ने भारत के आपातकाल के दौरान 1975 से 1977 के बीच में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मुख्य आलोचक के रुप में भी काफी सुर्खियां बटोरीं थी।
फिल्म डायरेक्टर के रुप में (Kishore Kumars as a Film Director)
1960 के दशक में किशोर दा ने फिल्म डायरेक्टर के तौर पर फिल्म जगत में अपनी किस्मत आजमाई और वे इसमें काफी हद तक सफल भी हुए। उन्होंने 1961 में रिलीज हुई फिल्म झुमरू के लिए फिल्म अभिनेता, सिंगर, प्रोड्यूसर, म्यूशियन, और डायरेक्टर के तौर पर काम किया। इसके अलावा किशोर दा ने फिल्म "दूर वादियों में कहीं", और दूर का राही फिल्मों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
किशोर कुमार के हिट गाने (Hit Songs of Kishore Kumar)
- रूप तेरा मस्ताना
- दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा
- खइके पान बनारस वाला
- हज़ार राहे मुड़के देखीं
- हरे रामा हरे कृष्णा
- पग घुंघरू बाँध
- अगर तुम न होते
- मंजिलें अपनी जगह हैं
- सागर किनारे
पुरुस्कार और सम्मान (Kishore Kumar Awards)
- 1970 में फिल्म आराधना के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड दिया गया था।
- 1984 में फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
- 1985 में किशोर दा को फिल्म शराबी के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
- 1986 में किशोर दा को फिल्म सागर के लिए गाए गाना "सागर किनारे" के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा गया था।
- किशोर कुमार को कोरा कागज, हरे राम हरे कृष्णा, आराधना, और अंदाज के लिए बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड मिल चुका है।
- 1985-1986 में किशोर दा की गायकी के सम्मान में मध्य प्रदेश सरकार ने 'उनके नाम पर 'किशोर कुमार पुरस्कार" की भी शुरुआत की थी।
मृत्यु (Kishore Kumar Death)
1986 में किशोर कुमार को दिल का दौरा पड़ा था जिस वजह से वो कम रिकॉर्डिंग करने लगे थे। बीमार पड़ने के बाद वो अपने जन्म स्थान खंडवा लौटने की भी योजना बना रहे थे कि फिर से उन्हें अचानक दूसरा दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद 58 वर्ष की आयु में 13 अक्टूबर 1987 को किशोर कुमार की मृत्यु हो गयी। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार उनके जन्मस्थली खंडवा में ही हुआ।