सर आइज़क न्यूटन का जीवन परिचय | Sir Isaac Newton Biography in Hindi
Sir Isaac Newton Biography in Hindi | आइज़क न्यूटन एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ थे। वे एक प्रभावशाली वैज्ञानिक थे जिनके सिद्धांतो ने भौतिकी और गणित को नयी ऊंचाई प्रदान की। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की।
सर आइज़क न्यूटन का जीवन परिचय | Sir Isaac Newton Biography in Hindi
- नाम आइज़क न्यूटन
- जन्म 4, जनवरी 1643
- जन्मस्थान वूल्स्थोर्पे मनोर
- पिता आइज़क न्यूटन सीनियर
- माता हन्ना आइस्कॉफ़
- कार्य भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ
- नागरिकता ब्रिटिश
महान भौतिक विज्ञानी सर न्यूटन (Sir Isaac Newton Biography in Hindi)
Sir Isaac Newton Biography in Hindi | आइज़क न्यूटन एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ थे। वे एक प्रभावशाली वैज्ञानिक थे जिनके सिद्धांतो ने भौतिकी और गणित को नयी ऊंचाई प्रदान की। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की। उनका शोध पत्रक "फिलोसोफी नेचुरेलीस प्रिन्सिपिया मथेमेटिका" 1687 में प्रकाशित हुआ, जिसमे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण और गति के नियमो की व्याख्या की गयी थी।
प्रारंभिक जीवन (Isaac Newton Early Life)
न्यूटन का जन्म 4 जनवरी 1643 को वूलस्ठोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ लिंकनशायर, जर्मनी मे हुआ था। इनके पिता आइज़क न्यूटन सीनियर की मृत्यु इनके जन्म लेने के तीन महीने पूर्व ही हो गई थी। इनके पिता एक किसान थे, जब वो तीन 3 वर्ष के थे तभी उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली, और और न्यूटन को खेती में मदद करने के लिए जोर दिया। लेकिन न्यूटन ने खेती करने से मना कर दिया क्योंकि उनका मन खेती की अपेक्षा पढ़ने में ज्यादा लगता था। कहा जाता जे की महान वैज्ञानिक गैलीलियो के मुत्यु के कुछ महीनों बाद ही न्यूटन का जन्म हुआ था।
शिक्षा (Isaac Newton Education)
न्यूटन की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के ही स्कूल में हुई, 12 साल की उम्र में वे पढ़ने के लिए ग्रंथन के किंग स्कूल में प्रवेश लिया और वहाँ एक फार्मासिस्ट के घर में रहने लगे जिसका नाम क्लार्क था। क्लार्क एक फार्मासिस्ट था इसलिए उसके पास रासायनिक और प्रयोगिक किताबें बहुत ज्यादा थी और न्यूटन उन्हीं की सारी किताबों को पढ़ा करते थे और उनके प्रयोगों को भी करते थे। Sir Isaac Newton Biography in Hindi
करियर (Isaac Newton Career)
आइज़क न्यूटन अपने गणित के अध्यापक के काफी प्रिय थे। न्यूटन जिस कॉलेज से मास्टर की डिग्री प्राप्त कर रहे थे उस कॉलेज के प्रोफेसर ने दूसरी नौकरी के लिए प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया, तभी उनके गणित के अध्यापक ने न्यूटन को उस पद को धारण करने के लिए कहा।
न्यूटन ने उनकी बात को स्वीकार किया और वह गणित के प्रोफेसर बन गए। न्यूटन अपने प्रयोगों को और आगे तक ले जाने के लिए और ज्यादा खोज करने के लिए प्रयत्न करने लगे और न्यूटन ने जो खोज की है वह कुछ इस प्रकार है-
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग (Newton Law of Universal Gravitation)
एक दिन न्यूटन एक पेड़ के नीचे बैठे थे और अचानक ऊपर से एक सेब गिरा तभी न्यूटन सोचने लगे यह सेब नीचे क्यों गिरा, ऊपर क्यों नहीं गया। वह काफी देर से बैठकर यही सोच रहे थे। बहुत देर तक सोचने और विचारने के बाद उन्होंने प्रयोग करके पता लगाया कि जो चीज ऊपर है वह नीचे आएगी। जब तक गुरुत्वाकर्षण बल रहेगा तब तक वह चीज नीचे आएगी जब गुरुत्वाकर्षण बल खत्म हो जाएगा तो वो चीज वही तैरने लगेगी। इस प्रकार न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की।
आइज़क न्यूटन का गति के नियम में प्रयोग (Newton Laws of Motion)
न्यूटन के गति के तीन नियम खोजें –
- जो कि पहला नियम है "जड़त्व का नियम" इस नियम के अनुसार एक वस्तु तब तक स्थिर बनी रहेगी जब तक उस पर कोई बल ना लगाया जाए और एक वस्तु तब तक गतिमान रहेगी जब तक इस पर कोई बल ना लगाया जाए।
- दूसरा नियम है "संवेग का नियम" इस नियम के अनुसार वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाये गये बल के अनुक्रमानुपाती तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में होता है।
- तीसरा नियम है "क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम" इस नियम के अनुसार जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाया जाता है तो वस्तु भी उतना ही बल उस बल के विपरीत दिशा में लगाती है।
- न्यूटन की प्रसिद्धि और किताबें (Isaac Newton Books)
न्यूटन ने काफी किताबे लिखा है और उसको प्रकाशित भी किया है जो की निम्नलिखित हैं –
- मेथड ऑफ़ फ़्लक्सियन्स (Newton Method of Fluxians)
- फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका (Newton Philosophiae Naturalis Principia Mathematica)
- ऑप्टिक्स (Newton Optics)
- एरिथमेटिका युनीवरसेलिस (Newton Arithmetica Univercellis)
- दी सिस्टम ऑफ़ दी वर्ल्ड (Newton The System of the World)
- ऑप्टिकल लेक्चर्स (Newton Optical Lectures)
- दी क्रोनोलोजी ऑफ़ एनशियेंट किंगडेम्स (Newton The Chronology of Ancient Kingdoms)
मृत्यु (Isaac Newton Death)
आइज़क न्यूटन की मृत्यु 31 मार्च 1727 को केंसिंग्टन, जर्मनी मे हुई थी और इन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था। न्यूटन के कोई बच्चे नही थे जिससे इनकी संपत्ति को इनके रिश्तेदारों ने अपने अधिकार में कर लिया। न्यूटन की मृत्यु के बाद इनके शरीर में काफी ज्यादा मात्रा में पारा पाया गया था जो शायद उनके रासायनिक कार्यों को करने की वजह से था।