Sunita Williams Biography in Hindi | सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय
Sunita Williams Biography in Hindi | सुनीता लिन पांड्या विलियम्स Sunita Williams अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा NASA के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है। अंतरिक्ष में 7 बार जाने वाली वह पहली महिला है।
Sunita Williams Biography in Hindi | सुनीता विलियम्स का जीवन परिचय
- पूरा नाम सुनीता माइकल विलियम
- जन्म 19 सितम्बर 1965
- जन्मस्थान युक्लिड, ओहियो राज्य
- पिता डॉ. दीपक एन. पांड्या
- माता बानी जालोकर पांड्या
- पति माइकल जे. विलियम
- व्यवसाय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री
- पुरस्कार पद्म भूषण
- नागरिकता अमेरिकन
अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम (Sunita Williams Biography in Hindi)
Sunita Williams Biography in Hindi | सुनीता लिन पांड्या विलियम्स Sunita Williams अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा NASA के माध्यम से अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला है। अंतरिक्ष में 7 बार जाने वाली वह पहली महिला है। वह अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन अभियान दल 14 और 15 की सदस्य भी रह चुकी है। 2012 में, उन्होंने अभियान दल 32 में फ्लाइट इंजिनियर बनकर और अभियान दल 33 में कमांडर बनकर सेवा की थी।
प्रारंभिक जीवन (Sunita Williams Early Life)
सुनीता लिन पांड्या विलियम्स का जन्म 19 सितम्बर 1965 को अमेरिका के ओहियो राज्य में यूक्लिड नगर में हुआ था। सुनीता के पिता दीपक एन. पांड्या डॉक्टर होने के साथ-साथ एक जाने-माने तंत्रिका विज्ञानी हैं, जो कि भारत के गुजरात राज्य से तालोक्कात रखते हैं। उनकी मां का नाम बॉनी जालोकर पांड्या है जो कि स्लोवेनिया की हैं। अपनी नौकरी के चलते उनके पिता को अमेरिका में शिफ्ट होना पड़ा था। 1958 में उनके पिता अहमदाबाद से अमेरिका के बोस्टन में आकर बस गए थे।
शिक्षा (Sunita Williams Education)
सुनीता विलियम्स ने 1983 में मैसाचुसेट्स से हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी। इसके बाद 1987 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की नौसैनिक अकादमी से फिजिकल साइन्स में बीएस की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके बाद उन्होनें 1995 में फ़्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टैक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की है।
शादी (Sunita Williams Marriage)
सुनीता विलियम्स ने माइकल जे. विलियम्स से विवाह किया है। माइकल एक सेवानिवृत्त संयुक्त राज्य अमेरिका समुद्री कोर के 4 सितारा जनरल हैं। वे नौसेना पोत चालक, हेलीकाप्टर पायलट, परीक्षण पायलट, पेशेवर नौसैनिक और गोताखोर भी है।
करियर की शुरुआत (Sunita Williams Starting Career)
1989 में उन्हे नेवल एयर ट्रेनिंग कमांड में भेज दिया गया, जहाँ उन्होंने विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट उड़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। दिसंबर 1995 उन्हें अमेरिकी नेवल टेस्ट पायलट स्कूल में रोटरी विंग्स डिपार्टमेंट में प्रशिक्षण और स्कूल की सुरक्षा अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया।
अमेरिकी नौसेना के साथ अपना कैरियर शुरू करने वाली सुनीता विलियम का 1998 में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में हो गया। अगस्त 1998 को जॉनसन स्पेस सेंटर में उनका अंतरिक्ष यात्री बनने का प्रशिक्षण आरंभ हुआ। सुनीता विलियम्स अमेरिका में पले बड़े होने के बाद भी भारत के धर्म और भगवान गणेश को बहुत मानती थी। वह अंतरिक्ष यात्रा पर जाते वक्त अपने साथ हिंदुओं की धार्मिक पुस्तक भगवद गीता साथ ले जाती थी।
अंतरिक्ष यात्राएं (Sunita Williams Space Travels)
सुनीता विलियम ने अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा 9 दिसंबर 2006 को डिस्कवरी यान के साथ शुरू की। यह यान 11 दिसंबर 2006 को उन्हें लेकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंचा। 192 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद 22 जून 2007 को सुनीता विलियम्स धरती पर वापस आ गई।
अंतरिक्ष से वापस लौटने के बाद सुनीता विलियम्स सितम्बर 2007 में भारत आयी थी। वह गुजरात के साबरमती आश्रम गई और अपने पैतृक गाँव झुलासन भी गई। वहाँ उन्हें गुजरात सोसायटी द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल विश्व प्रतिभा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। वह पहली ऐसी महिला है जिन्होंने विदेश में रहते हुए यह पुरस्कार हासिल किया।
सुनीता विलियम की दूसरी अंतरिक्ष यात्रा 14 जुलाई 2012 को बैकोनुर कोस्मोड्रोम से शुरू हुई। इस बार उन्होंने अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन में 4 महीने व्यतीत किए और अनेक अनुसंधान किए। 18 नवंबर 2012 को उन्होंने अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा सफल कर धरती पर वापस आ गई। उन्होंने अंतरिक्ष में 50 घंटे 40 मिनट चहलकदमी करने का रिकॉर्ड बनाया। Sunita Williams Biography in Hindi
पुरस्कार और सम्मान (Sunita Williams Awards)
- 2008 में भारत सरकार द्वारा भी इन्हें 'पद्म भूषण' सम्मान से नवाजा गया था।
- 2011 में गवर्नमेंट ऑफ़ रशिया द्वारा "स्पेस अभियान दल" में मेरिट आने के लिये मैडल।
- 2013 में स्लोवेनिया सरकार द्वारा गोल्डन आर्डर फॉर मेरिट्स का सम्मान।
- 2013 में गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि दी गयी।
- ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल।
- नेवी कमेंडेशन मेडल।