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Sushil Kumar Biography in Hindi | सुशिल कुमार का जीवन परिचय

Sushil Kumar Biography in Hindi | सुशील कुमार एक भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। जो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक दुबारा जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मैडल, 66 किलो के वजन विभाग में लढते हुए। उन्होंने 2010 में वर्ल्ड टाइटल और 2012 के लंदन ओलंपिक में सिल्वर मैडल जीता था।

Sushil Kumar Biography in Hindi | सुशिल कुमार का जीवन परिचय
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Sushil Kumar Biography in Hindi | सुशिल कुमार का जीवन परिचय

  • नाम सुशील कुमार सोलंकी
  • जन्म 26 मई 1983
  • जन्मस्थान बापरोला, दिल्ली, भारत
  • पिता दीवान सिंह
  • माता कमला देवी
  • पत्नी सवि कुमार
  • पुत्र सुवर्ण, सुवीर
  • व्यवसाय भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान
  • पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार, राजीव गांधी खेलरत्न, पद्म श्री
  • राष्ट्रीयता भारतीय

पहलवान सुशिल कुमार (Sushil Kumar Biography In Hindi)

Sushil Kumar Biography in Hindi | सुशील कुमार एक भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। जो व्यक्तिगत ओलंपिक पदक दुबारा जीतने वाले पहले भारतीय बने। उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में ब्रॉन्ज मैडल, 66 किलो के वजन विभाग में लढते हुए। उन्होंने 2010 में वर्ल्ड टाइटल और 2012 के लंदन ओलंपिक में सिल्वर मैडल जीता था।

सुशिल कुमार प्रारंभिक जीवन (Sushil Kumar Early Life)

सुशील कुमार का जन्म 26 मई, 1983 को दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ के बापरोला ग्राम के एक हिन्दू जाट परिवार में हुआ था। वे एक जाट परिवार से संबंध रखते हैं। सुशील के पिता दीवान सिंह, जो कि डीटीसी दिल्ली में बस ड्राइवर हैं। और माता कमला देवी गृहिणी हैं। सुशील के परिवार में ही उनके पिता और उनके कजिन संदीप रेसलर रह चुके हैं।

उन्हें देखकर ही वे अपने रेसलिंग करियर के प्रति जागरूक हुए। बाद में उनके कजिन संदीप ने रेसलिंग छोड़ दी थी, क्योंकि परिवार वित्तीय स्तर पर एक ही रेसलर को सपोर्ट कर सकता था।कुमार ने अपनी ट्रेनिंग 14 साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानी रेसलिंग अखाड़े में सीखी।

इस समय उन्होंने कम वित्तीय सहायता में और सामान्य ट्रेनिंग फैसिलिटी में भी अपना कौशल बढ़ाया। वे एक फ्री स्टाइल रेसलर बने। इस दौरान उनके परिवार ने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि उनके खानपान में किसी भी प्रकार की कमी न हो और उन्हें पूर्ण पोषण मिले। इसके बाद इंडियन रेल्वे में उन्होंने ज्ञान सिंह और राजकुमार बैसला गुर्जर से ट्रेनिंग ली।

निजी जीवन (Sushil Kumar Married Life)

उन्होंने 18 फरवरी, 2011 को जाने माने पहलवान गुरु सतपाल की बेटी सावी सोलंकी से शादी की। वर्ष 2014 में इस दंपति को जुडवा लड़के हुए हैं।

सुशिल कुमार रेसलिंग करियर (Sushil Kumar Wrestling Career)

1998 में उन्हें फ्री स्टाइल रेसलिंग में शुरुआत करने पर उनकी पहली सफलता मिली, जब उन्होंने वर्ल्ड कैडेट गेम्स में उनकी वेट केटेगरी में गोल्ड मैडल जीता। 2000 में आयोजित एशियन जूनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में भी उन्होंने गोल्ड मैडल जीता था। 2003 में सुशील को एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रोंज मैडल और कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल मिला था।

इसी वर्ष हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने 4th स्थान प्राप्त किया था। 2004 में एथेंस में आयोजित ओलिंपिक गेम्स में 60 Kg Weight Class में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इस प्रतियोगिता में उन्होंने 14वाँ स्थान प्राप्त किया था। 2005 में उन्होंने केपटाउन में आयोजित कॉमनवेल्थ कुश्ती चैम्पियनशिप में भाग लिया, और 66 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में गोल्ड मैडल और 66 किग्रा ग्रीको-रोमन श्रेणी में ब्रॉन्ज मैडल जीता।

2006 के दोहा एशियाई खेलों में। उन्होंने 66 किग्रा फ़्रीस्टाइल वर्ग में ब्रॉन्ज मैडल जीता, और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था। 2007 की कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए उन्हें 7 वाँ स्थान दिया गया था। लंदन में आयोजित 2007 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप में उन्होंने एक बार फिर 66 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में गोल्ड मैडल जीता।

2008 में बीजिंग में आयोजित ओलिंपिक गेम्स में 20 अगस्त 2008 को सुशील ने Leonid Spiridonov को 3:1 से हराकर ब्रोंज मैडल जीता था। 2010 में मोस्को में आयोजित वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में सुशील ऐसे पहले भारतीय बने, जिसने रेसलिंग में वर्ल्ड टाइटल जीता।

10 अक्टूबर, 2010 को दिल्ली में आयोजित कामनवेल्थ गेम्स में 66 Kg फ्री स्टाइल रेसलिंग केटेगरी में सुशील ने Heinrich Barnes को 7:0 से हराकर गोल्ड मैडल अपने नाम करा लिया था। 2011 में अपने उत्तम खेल प्रदर्शन के लिए सुशील कुमार को भारतीय सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया था।

2012 के समर ओलंपिक्स में सुशील ने सिल्वर मैडल जीता, और इसे जीतकर वे ऐसे पहले भारतीय बन गये, जिन्होंने भारत के लिए 2 इंडिपेंडेन्ट ओलंपिक मेडल्स जीते थे। 2014 में ग्लासग्लो, स्कॉटलैंड में आयोजित कामनवेल्थ गेम्स में सुशील ने 74 Kg फाइनल में कमर अब्बास को हराकर गोल्ड मैडल जीता था। सुशील पूर्णत शाकाहारी हैं। उन्होंने अपने अब तक के करियर में अनेकों प्रतियोगिताएं जीती और देश के नाम कई मैडल कराकर हमें गौरवान्वित किया हैं। वर्तमान में सुशील भारतीय रेल्वे में असिस्टेंट कमर्शियल मेनेजेरिअल के पद पर कार्यरत हैं।

ओलिंपिक गेम्स (Sushil Kumar Olympic Games)

  • 2008 बीजिंग में 66 Kg फ्री स्टाइल – ब्रोंज मैडल
  • 2012 लंदन में 66 Kg फ्री स्टाइल – सिल्वर मैडल

कॉमनवेल्थ गेम्स (Sushil Kumar Commonwealth Games)

  • 2010 दिल्ली में 66 Kg फ्री स्टाइल – गोल्ड मैडल
  • 2014 ग्लासग्लो में 74 Kg फ्री स्टाइल – गोल्ड मैडल

एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप (Sushil Kumar Asian Wrestling Championship)

  • 2003 नई दिल्ली में 60 Kg फ्री स्टाइल – गोल्ड मैडल
  • 2007 बिश्केक में 66 Kg फ्री स्टाइल – गोल्ड मैडल
  • 2008 जेजू आइलैंड में 66 Kg फ्री स्टाइल – ब्रोंज मैडल
  • 2010 नई दिल्ली में 66 Kg फ्री स्टाइल – गोल्ड मैडल

पुरस्कार और सम्मान (Sushil Kumar The Honors)

सुशील कुमार को मिले पुरस्कार, इनाम और सम्मान।

  • अर्जुन अवार्ड। (2005)
  • सुशील कुमार को राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान।
  • रेलवे मंत्रालय चिप इंस्पेक्टर ने सुशील कुमार को अस्सिस्टेंट कमर्शियल मेनेजर का पद और 5 मिलियन का नगद पुरस्कार।
  • 5 मिलियन सुशील कुमार को हरियाणा सरकार द्वारा पुरस्कार।
  • 5 मिलियन का स्टील मंत्रालय की और से नगद पुरस्कार।
  • RK ग्लोबल के द्वारा 5 लाख रूपये का पुरस्कार।
  • महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा 1 मिलियन पुरस्कार।
  • MTNL द्वारा रूपये 1 मिलियन कैश पुरस्कार।
  • 1 मिलियन रेलवे मंत्रालय द्वारा पुरस्कार और प्रमोशन
  • 20 मिलियन का दिल्ली सरकार के द्वारा
  • 15 मिलियन का हरियाणा सरकार के द्वारा
  • सुशील को व्रेस्लिंग अकैडमी के लिए हरियाणा सरकार द्वारा सोनीपत में जमीन।
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