William Shakespeare Biography In Hindi | विलियम शेक्सपीयर का जीवन परिचय
William Shakespeare Biography In Hindi | विलियम शेक्सपियर 16वीं शताब्दी के एक जाने माने अंग्रेजी कवि, नाटककार और अभिनेता थे। ये अंग्रेजी भाषा के सबसे महान लेखक और विश्व के पूर्व प्रख्यात नाटककार के रूप में व्यापक हैं। इन्हें इंग्लैंड का “राष्ट्रीय कवि” भी कहा जाता था और इनका उपनाम “बार्ड ऑफ़ एवन” था।
William Shakespeare Biography In Hindi | विलियम शेक्सपीयर का जीवन परिचय
- पूरा नाम विलियम शेक्सपियर
- जन्म 26 अप्रैल 1564
- जन्मस्थान इंग्लैंड के स्ट्रेटफोर्ड
- पिता जॉन शेक्सपियर
- पत्नी ऐनी हथावे
- व्यवसाय नाटककार, अभिनेता
- पुरस्कार लुसिले लॉर्टेल अवार्ड फॉर आउटस्टैंडिंग रिवाइवल
- नागरिकता अंग्रेजी
अंग्रेजी कवि विलियम शेक्सपीयर (William Shakespeare Biography in Hindi)
William Shakespeare Biography In Hindi | विलियम शेक्सपियर 16वीं शताब्दी के एक जाने माने अंग्रेजी कवि, नाटककार और अभिनेता थे। ये अंग्रेजी भाषा के सबसे महान लेखक और विश्व के पूर्व प्रख्यात नाटककार के रूप में व्यापक हैं। इन्हें इंग्लैंड का "राष्ट्रीय कवि" भी कहा जाता था और इनका उपनाम "बार्ड ऑफ़ एवन" था। शेक्सपियर में अत्यंत उच्च कोटि की सर्जनात्मक प्रतिभा थी और साथ ही उन्हें कला के नियमों का सहज ज्ञान भी था।
शेक्सपियर का प्रारंभिक जीवन (William Shakespeare Early Life)
चर्च के रिकॉर्ड के अनुसार शेक्सपियर का जन्म 26 अप्रैल, 1564 को इंग्लैंड के वारविकशायर के स्ट्रेटफोर्ड अपॉन एवन शहर में हुआ। इनके पिता जॉन शेक्सपियर एक व्यापारी थे, साथ ही वे स्ट्रेटफोर्ड की सरकार में जिम्मेदार पद पर आयोजित थे और 1569 में उन्होंने मेयर के रूप में भी कार्य किया। माता मर्री शेक्सपियर एक पड़ोसी गाँव के धनी जमींदार की बेटी थीं। शेक्सपियर अपने माता पिता की 8 संतान में से तीसरे थे।
उन्होंने शायद स्ट्रेटफोर्ड ग्रामर स्कूल अटैंड किया और क्लासिक्स, लैटिन ग्रामर और साहित्य का अध्ययन किया। यह माना जाता है कि आर्थिक रूप से अपने पिता की मदद करने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई लगभग 13 साल की उम्र में छोड़ दी थी।
शेक्सपियर का निजी जीवन (William Shakespeare Married Life)
विलियम जब महज 18 साल के थे तब उन्होंने 26 साल की ऐनी हैथवे से शादी कर ली। बाद में उनके तीन बच्चे भी हुए। एक बेटी का नाम सुसंना और दो जुड़वा बेटे का नाम हम्नेट और जूडिथ था। हेम्नेट की 11 साल की उम्र में मृत्यु हो गई। इनकी बेटी सुसंना की शादी जॉन हॉल से हुई। जूडिथ की शादी थॉमस क़ुइनी से हुई।
विलियम शेक्सपियर की करियर (William Shakespeare Career)
1585-1592 के समय में उन्होंने लंदन में एक अभिनेता, लेखक और एक नाटक कंपनी लॉर्ड चेम्बर्लेन मेन के सह-मालक बनकर अपने करियर की शुरुवात की। उनके प्रारंभिक लेख और नाटक कॉमेडी होते थे। 1594 के बाद से शेक्सपियर के लगभग सभी नाटक भगवान चेम्बर्लेन के आदमियों द्वारा प्रदर्शित किये गए। यह ग्रुप कुछ ही समय में सर्वोच्च स्थिति में पहुँच गया, इसे लन्दन में एक अग्रणी कंपनी प्ले कर रही थी। इतना ही नहीं विलियम शेक्सपियर ने 1599 में अपना स्वयं का थिएटर खरीदा और उसका नाम ग्लोब रखा।
इस बीच शेक्सपियर की प्रतिष्ठा एक नाटककार और अभिनेता के रूप में बहुत तेजी से बढ़ती चली गई, और इस हद तक बढ़ी कि उनके नाम से ही एक मजबूत सेल्लिंग पॉइंट बन गया था। कम्पनी की सफलता ने शेक्सपियर की फाइनेंसियल स्टेबिलिटी को अच्छी तरह से मजबूत किया। 1603 में महारानी एलिज़ाबेथ की मौत के बाद, उन्हें एक शाही पेटेंट के साथ एक कम्पनी द्वारा सम्मानित किया गया। वह ग्रुप शेक्सपियर के कई लोकप्रिय साहित्य के प्रकाशित और बेचे जाने के बाद से बहुत लोकप्रिय हो गया।
बाद में 1608 तक उन्होंने दुखांत नाटक लिखे जिनमे हैमलेट, ऑथेलो, किंग लेअर और मैकबेथ भी शामिल है। अपने अंतिम समय में उन्होंने दुःख सुखान्तक नाटको का लेखन किया था। उनके बहोत से नाटको को प्रकाशित भी किया गया है। दु:खांत नाटकों में ऐसे दु:खद अनुभवों को अभिव्यक्ति है जो जीवन को विषाक्त बना देते हैं। शेक्सपियर के कृतित्व की परिणति ऐसे नाटकों की रचना में हुई जिनमें उनकी सम्यक बुद्धि का प्रतिफलन हुआ है। जीवन में दु:ख के बाद सुख आता है, इसीलिये विचार और व्यवहार में समानता लाना बहोत जरुरी है।
इन अंतिम नाटकों से यह निष्कर्ष निकलता है कि हिंसा और प्रतिशोध की अपेक्षा दया और क्षमा अधिक महत्वपूर्ण हैं। अपने गंभीर नैतिक संदेश के कारण इन नाटकों का विशेष महत्व है। जिनमे कुछ रोमांचक नाटक भी शामिल है। शेक्सपियर में अत्यंत उच्च कोटि की सर्जनात्मक प्रतिभा थी और साथ ही उन्हें कला के नियमों का ज्ञान भी था। शेक्सपियर की कल्पना जितनी प्रखर थी उतना ही गंभीर उनके जीवन का अनुभव भी था। जहाँ एक ओर उनके नाटकों तथा उनकी कविताओं से आनंद की उपलब्धि होती है वहीं दूसरी ओर उनकी रचनाओं से हमको गंभीर जीवनदर्शन भी प्राप्त होता है।
1623 में शेक्सपीयर के दो दोस्त और अनुयायी अभिनेता जॉन हेमिंगस और हेनरी कंडेल ने मिलकर उनके मरणोपरांत फर्स्ट फोलियो को प्रकाशित किया। 20 से 21 वी शताब्दी में मॉडर्न कवियों ने उनके कार्यो को दोबारा खोज निकाला और रूपांतर कर उसे प्रकाशित करने लगे थे। उन्हें इंग्लैंड का राष्ट्रिय कवी और "बार्ड ऑफ़ एवन" भी कहा जाता है। उनके महानतम कार्यो में 38 नाटक, 154 चतुर्दश पदि कविता, 2 लंबी विवरणात्मक कविताये और बहोत से छंद और लेखन कार्य शामिल है। उनके नाटको को कई भाषाओ में रूपांतरित किया गया था और बहोत से नाटककारों ने उनके नाटकों का प्रदर्शन भी किया था।
विलियम शेक्सपियर के सुविचार (Good Thoughts by William Shakespeare)
- अपना प्यार किसी ऐसे पर बर्बाद मत करों, जिसे इसकी कद्र नहीं।
- मूर्ख को लगता है कि वह बुद्धिमान है, किन्तु बुद्धिमान व्यक्ति जानता है कि वह मूर्ख है।
- महानता का डर नहीं हैं। कुछ महान पैदा ही होते है महानता प्राप्त करने के लिए।
- प्यार, आँखों के साथ नहीं बल्कि मन के साथ देखा जाता हैं और इसलिए पंखों का लोभ करने वालों को अँधा चित्रित किया गया है।
- गलतियाँ हमारे सितारों में नहीं है लेकिन अपने आप में है।
- मैं दिमाग की लड़ाई में आपको चुनौती देता हूँ, लेकिन मैं देख रहा हूँ कि आप निहत्थे हैं।
- अच्छा या बुरा कुछ नहीं होता, लेकिन सोच इसे बनाती है।
- हमारी नियति को पकड़ना सितारों में नहीं होता लेकिन अपने आप में होता है।
- हम जानते है कि हम क्या हैं लेकिन ये नहीं जानते कि क्या हो सकते हैं।
- शब्द हवा की तरह आसान है, वफादार दोस्त खोजने में मुश्किल है।
मृत्यु (William Shakespeare Death)
1613 में 49 साल की आयु में वे स्ट्रेटफोर्ड से रिटायर्ड हो गये थे और वही तक़रीबन 3 साल बाद 23 अप्रैल 1616 में उनकी मृत्यु हो गयी थी।