सवाल येचुरी पर हमले का नहीं, असली सवाल तो गोडसे वाली मानसिकता का है!
BY Jan Shakti Bureau7 Jun 2017 9:28 PM IST
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Jan Shakti Bureau7 Jun 2017 10:16 PM IST
By R. Asim
नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के कार्यालय पर सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी के साथ 2 लोग हाथापाई की हर संभव कोशिश करते हैं, दिल्ली के गोल मार्किट स्थित दफ्तर में येचुरी के खिलाफ नारेबाजी की जाती है। येचुरी मध्यप्रदेश में किसानों की हुई हत्या तथा किसान आंदोलन के मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करने वाले थे, उससे पहले ही युवकों का प्रकरण शुरू होता है। जिसके बाद सीपीएम कार्यकर्त्ता दोनों को पुलिस के हवाले क्र देते हैं। घटना के कुछ मिनट बाद येचुरी ट्वीट करते हैं जीसमे वो बताते हैं कि संघ के किसी भी प्रयास से वह चुप होने वाले हैं नहीं, ये भारत की आत्मा की लड़ाई है, जिसे हम जीतेंगे।
#WATCH One of the 2 protesters who tried to manhandle Sitaram Yechury during his press conf. in Delhi, later beaten up;handed over to Police pic.twitter.com/NRUcrljB2W
— ANI (@ANI_news) June 7, 2017
देखे गोडसे की मानसिकता
प्रश्न सिर्फ यह नहीं है की सीताराम येचुरी पर हमला, हमला, हमला हो गया, असली प्रश्न हमले की पीछे की मानसिकता का है, ये वही मानसिकता है जिसने राष्ट्रपिता को अब तक राष्ट्रपिता स्वीकार नहीं किया, जिस मानसिकता को ले बापू की हत्या की गई. विरोध हमले से पहले हमले की मानसिकता का होना चाहिए।
आज पुरे मुल्क में इसी मानसिकता ने उग्र राष्ट्रवाद की सोच पैदा कर समाज में हजारों गोडसे से पैदा कर दिये हैं, जो धार्मिक कुंठा में बिना किसी तर्क, समाज में प्रगतिशील शक्तियों को हिंसा के मार्ग से ख़त्म कर देना चाहते हैं।
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