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उत्तर प्रदेश: अखिलेश यादव का योगी पर करारा हमला, कहा- बीजेपी सरकार की रात्रि चौपाल ढ़ोंग के अलावा कुछ भी नहीं है.
BY Jan Shakti Bureau25 April 2018 2:57 PM IST
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Jan Shakti Bureau25 April 2018 8:33 PM IST
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी सरकार की रात्रि चौपाल ढ़ोंग के अलावा कुछ भी नहीं है. बीजेपी की नीति किसान विरोधी और जनविरोधी है. उसकी योजनाएं जमीन पर नहीं फाइलों और गालों पर फलती-फूलती है. उन्होंने कहा कि कहते हैं झूठ के पैर नहीं होते.. मुख्यमंत्री जब प्रतापगढ़ के एक गांव में जनता से रूबरू हुए तो उन्हें अपनी सरकार के ढोल के पोल का अंदाजा हो गया. यह बात तो उजागर हो गई कि बीजेपी सरकार से समाज का कोई वर्ग-किसान, नौजवान, महिला, छात्र, अल्पसंख्यक, व्यापारी, संतुष्ट नहीं है. सबके साथ धोखा हुआ है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश में खुद मुख्यमंत्री का कितना इकबाल है, इसी से जाहिर है कि वे गोरखपुर में गेहूं क्रय केंद्रों पर बोरा भी उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. क्रय केंद्रों पर पैसा नहीं है. मुख्यमंत्री गेहूं क्रय केंद्र पर गए तो उन्हें पता चला कि गेहूं की खरीद में अधिकारियों की दिलचस्पी नहीं है. किसान को उसकी फसल का निर्धारित मूल्य 1735 रुपये भी नहीं मिल रहा है. अखिलेश यादव ने कहा कि आलू किसान के आलू खरीद का सरकारी मूल्य 549 रुपये प्रति कुंतल है, पर किसान को वह भी नहीं मिला. सरकारी घोषणाएं उनके लिए मजाक साबित हुई है. गन्ना किसानों के साथ भी ऐसा दुर्व्यहार किया गया है. मिल मालिक गन्ना पेराई बंद करना चाहते हैं, जबकि किसान का गन्ना खेत में खड़ा है.
मजबूरन अब उसे जलाना पड़ जाएगा. गन्ना किसानों का 9429.19 करोड़ रुपये बकाया है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को पता चल गया कि शौचालय के नाम पर सिर्फ गड्ढे खुदते हैं. राशन का कोटा बाजार में चला जाता है. लोग कहते हैं कि हर काम के लिए उन्हें घूस देनी पड़ती है. मुख्यमंत्री को जनता ने सच्चाई से सामना करा दिया है, आईना दिखा दिया है. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी राज में अपराधों पर नियंत्रण नहीं है और भ्रष्टाचार खूब फलफूल रहा है. उनके स्वच्छ, पारदर्शी प्रशासन और जनता की खुशहाली के दावे हकीकत से बहुत दूर है.
यह भी स्पष्ट हो गया है कि रात्रि विश्राम का सरकारी आयोजन केवल जनता की आंख में धूल झोंकने का प्रयास है. पर अब जनता जागरूक है और वह बीजेपी की कहानी से बहकने वाली नहीं है. जनता बीजेपी की सच्ची कहानी 2019 में लिखेगी.
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