अलीमुद्दीन हत्याकांडः भाजपा नेता समेत 11 दोषी करार, 20 मार्च को अदालत करेगी सजा का एलान
BY Jan Shakti Bureau18 March 2018 11:54 AM IST
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Jan Shakti Bureau18 March 2018 5:29 PM IST
नई दिल्ली- झारखंड की एक अदालत ने बीते शुक्रवार को गाय के नाम पर हुई एक हत्या के मामले में फैसला सुनाया है, अदालत ने इस मामले 11 'गोआतंकियो' को दोषी करार दिया है। ख़ास बात ये है कि देश में पहली बार गाय के नाम पर हुई हत्या के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत इस मामले में सजा का ऐलान 20 मार्च को करेगी। इस मामले में एक भाजपा नेता समेत 11 लोगों को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी पाया गया है। इनमें से तीन पर धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के आरोप भी साबित हुए हैं। अदालत ने यह माना है कि यह एक पूर्व नियोजित हमला था।
क्या था मामला
गौरतलब है कि अलीमुद्दीन उर्फ असगर अंसारी नाम के मांस कारोबारी को रामगढ़ में 29 जून 2017 को गो-मांस ले जाने के संदेह में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार दिया गया था।जिस दिन असगर अंसारी की हत्या की गयी थी उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाय और गोरक्षा के नाम पर क़ानून हाथ में न लेने की अपील कर रहे थे। असगर अंसारी अपनी वैन में करीब 200 किलोग्राम मांस लेकर जा रहे थे, जब उन पर हमला हुआ।गौरक्षको ने उनकी गाड़ी को आग लगा दी गई। पुलिस के किसी तरह असगर को अस्पताल ले गयी लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।यह घटना रामगढ़ शहर के बाज़ार टांड इलाके में हुई थी, जिसके बाद जिले में तनाव के मद्देनज़र अतिरिक्त सुरक्षा बल को तैनात किया और आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू की गई थी।पुलिस ने इस मामले में एक स्थानीय भाजपा नेता नित्यानंद महतो सहित दो लोगों को गिरफ़्तार किया था, साथ ही एक अन्य व्यक्ति ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, ' अलीमुद्दीन का भाई जलील अंसारी गवाह था। अदालत में गवाही के समय वह अपना पहचान पत्र लाना भूल गया था, जिसे लाने के लिए उसने अपनी बीबी जुलेखा और अलीमुद्दीन के बेटे शहज़ाद को भेजा। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, जब वे रास्ते में थे तब एक अज्ञात बाइक उनकी बाइक से टकराई।'इस हादसे में जुलेखा की मौत हो गई और शहज़ाद को चोटें आईं। तब मरियम ने इस दुर्घटना में दूसरे पक्ष का हाथ होने की आशंका जताई थी।
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