अभी-अभी: किसी भी क्षण अल्पमत में आ सकती है नीतीश सरकार, 20 विधायकों के सम्पर्क में शरद यादव!
BY Jan Shakti Bureau17 Aug 2017 10:48 AM IST
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Jan Shakti Bureau17 Aug 2017 10:48 AM IST
नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड में दो फाड़ होने की महज औपचारिकताएं ही बाकी रह गयीं हैं। शरद यादव को राज्य सभा में नेता पद से हटाए जाने के बाद जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने संकेत दिए थे कि वे शरद यादव के आगे घुटने नहीं टेकेंगे। इतना ही नहीं शरद यादव समर्थक 21 लोगों को जदयू से बाहर का रास्ता दिखाकर नीतीश कुमार ने अपने तेवर जता दिए थे लेकिन अब शरद यादव का नंबर है कि वह नीतीश कुमार को उन्ही की भाषा में किस तरह जबाव देंगे।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शरद यादव जदयू के कम से कम 20 विधायकों के सम्पर्क में हैं।
ये वे लोग हैं जो जनतादल यूनाटेड से सीधे जुड़े रहे हैं और कहीं न कहीं महागठबंधन टूटने पर नीतीश कुमार से खफा है। सूत्रों ने कहा कि कल गुरूवार को शरद यादव ने सांझी विरासत नामक एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसमें विपक्ष के कई कद्दावर नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम के बाद शरद यादव अपने पत्ते खोएंगे।सूत्रों ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड को नीतीश खेमे से छींनने के लिए शरद यादव विपक्ष के नेताओं का सहयोग लेकर आगे बढ़ेंगे। सूत्रों के अनुसार बिहार दौरे के दौरान शरद यादव और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुलाकात के दौरान नीतीश सरकार को कुर्सी से हटाने के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया था।
यही कारण था कि शरद यादव के जन संवाद कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राजद कार्यकर्ताओं और विधायकों ने खुलकर काम किया। सूत्रों ने कहा कि ऐसा मान लिया जाए कि बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ काउंट डाउन शुरू हो गया है और किसी भी क्षण नीतीश सरकार अल्पमत में आ सकती है। सूत्रों ने कहा कि यह भी सम्भव है कि अल्पमत में आते ही नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलकर विधानसभा भंग करने और राज्य में नए चुनाव कराने की कह सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि नीतीश कुमार विरोधी दो नेताओं शरद यादव और लालू प्रसाद यादव की दो प्राथमिकताएं हैं।
इनमे शरद यादव की पहली प्राथमिकता जनता दाल यूनाइटेड खेमे से वापस कब्ज़ाने की है वहीँ लालू प्रसाद यादव की पहले प्राथमिकता नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकना है। सूत्रों ने कहा कि 19 अगस्त को जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भले ही शरद यादव हिस्सा न लें लेकिन 14 राज्यों की इकाइयों के अध्यक्ष शरद यादव से मिलकर उन्हें अपना समर्थन पत्र सौंपेंगे। जिसे लेकर शरद यादव चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटाएंगे। फ़िलहाल सभी की नज़रें कल होने वाले शरद यादव के कार्यक्रम साझी विरासत पर टिकीं हैं। कल शरद यादव इस कार्यक्रम के बहाने विपक्ष के नेताओं से अपनी मुलाक़ात कर बीजेपी के खिलाफ अपनी मुहीम को जारी रखने का एलान करेंगे।
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