SC के फैसले के बाद भी दिल्ली में अधिकारों पर जंग जारी, ट्रांसफर-पोस्टिंग पर सरकार के आदेश मानने से अफसरों का इनकार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी दिल्ली में अधिकारों की जंग जारी है। दिल्ली सरकार ने अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर एक फाइल सचिव (सेवा) को एक फाइल भेजी थी। लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है
BY Jan Shakti Bureau5 July 2018 12:03 PM IST
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Jan Shakti Bureau5 July 2018 5:41 PM IST
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच युद्धविराम नहीं हो सका है। कोर्ट के आदेश के चंद घंटों के बाद ही दिल्ली सरकार ने अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन अफसरों ने कुछ ही देर बाद इस फाइल को पांच पन्नों के नोट के साथ वापस भेजकर साफ कर दिया कि वे ये आदेश नहीं मानेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (4 जुलाई) को आदेश दिया कि दिल्ली सरकार के फैसलों पर उपराज्यपाल की सहमति की जरुरत नहीं है। लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद भी मामला शांत होता नजर नहीं आ रहा। कोर्ट का आदेश आने के बाद दिल्ली सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को स्थानांतरित करने और नई पोस्टिंग करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सशक्त बनाने के लिए सचिव (सेवा) को एक फाइल भेजी।
लेकिन कुछ ही घंटों के बाद पांच पन्नों का एक नोट उप मुख्यमंत्री मनीष सोदिया को भेजा गया। नोट में कहा गया कि वह इस आदेश को मानने में असमर्थ हैं।खबरों में बताया गया है कि नोट में लिखा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी अगस्त 2016 के नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया गया है, साथ ही इस नोटिफिकेशन में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल या मुख्य सचिव के पास है। हालांकि बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर अब उनकी सरकार करेगी।इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अधिकारियों का ये रवैया सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है। पार्टी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सिर्फ तीन मामलों के अलावा सारे अधिकार दिल्ली सरकार के पास हैं। लेकिन उपमुख्यमंत्री के आदेशों को मानने से इनकार करना कोर्ट के आदेशों को नकारना है।
Delhi Services Department refuses to abide by @msisodia order, says 'government can't take transfer decisions'. This is a clear violation of the Supreme Court order.
— AAP (@AamAadmiParty) July 5, 2018
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SC has clearly said that centre has executive powers ONLY on three subjects and no other subject. Council of Ministers (COM) has executive powers on all other subjects.
— AAP (@AamAadmiParty) July 5, 2018
There is absolutely no ambiguity in this. So, obviously executive power over services lies with COM.
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SC has clearly said that centre has executive powers ONLY on three subjects and no other subject. Council of Ministers (COM) has executive powers on all other subjects.
— AAP (@AamAadmiParty) July 5, 2018
There is absolutely no ambiguity in this. So, obviously executive power over services lies with COM.
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली कैबिनेट ने अधिकारियों के स्थानांतरण और पद के लिए एक नई प्रणाली की शुरुआत की थी। इसमें कहा गया कि मनीष सिसोदिया अधिकारियों के तबादले के पोस्टिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे। अब तक उपराज्यपाल के पास आईएएस और दानिक्स (दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह सिविल सेवा) के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार थे।
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