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ऐतिहासिक पल: मायावती-अखिलेश का काकटेल भारतीय राजनीती को दे सकता है नया आयाम, एकजुटता को देख भाजपा के उड़े होश

ऐतिहासिक पल: मायावती-अखिलेश का काकटेल भारतीय राजनीती को दे सकता है नया आयाम, एकजुटता को देख भाजपा के उड़े होश
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लखनऊ। कहते हैं राजनीती में कुछ भी संभव है। उत्तर प्रदेश के दो शक्तिशाली पार्टियों सपा-बसपा का कल तक साथ आना असंभव सा लग लग रहा था आज वह तस्वीर बन कर सामने आई की भाजपा के होश उड़ते दिख रहे। मौका था कुमारस्वामी के सपथ ग्रहण का लेकिन आकर्षण का केंद्र बने माया-अखिलेश। इस एकजुटता ने इतना तो साफ कर दिया है की 2019 में मोदी की विजय इतनी आसान नहीं होगी। वहीँ माया-अखिलेश का काकटेल भारतीय राजनीती को नयी दिशा दे सकता है।


आप को बता दें की सपा चीफ अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती पहली बार एक साथ आज एक मंच पर नजर आए।। कर्नाटक में जद (एस) नेता कुमार स्वामी के नेतृत्व में गठित नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में दोनों एक साथ आज नजर आए। मायावती और अखिलेश दोनों मंच पर अगल बगल कुर्सी पर बैठे थे। इस दौरान विपक्ष के अधिकांश नेता मंच पर मौजूद थे। कुमार स्‍वामी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगा। वहां मौजूद मीडिया और दूसरे लोगों की नजरे अखिलेश और माया पर टिकी हुई थी।


मंच पर पहुंचते ही दोनों ही नेताओं ने मुस्‍करा कर एक दूसरे का अभिवादन किया। इन दोनों नेताओं के साथ पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा भी नजर आए। इन दोनों के अलावा शरद यादव, बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी, समेत कई दूसरे नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे हुए थे। मायावती के साथ बसपा महासचिव और राज्यसभा सदस्य सतीश मिश्र भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। वहीं अखिलेश यादव के साथ सपा प्रवक्‍ता राजेंद्र चौधरी भी मौजूद थे। मायावती व अखिलेश अभी तक एक मंच पर साथ नहीं दिखे थे।


यह पहला मौका था जब दोनों साथ नजर आए। इन दोनों नेताओं की मौजूदगी पर सपा और बसपा के नेता भी खुश नजर आ रहे हैं। दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि फूलपुर और गोरखपुर के उपचुनाव में बना गठबंधन दिन पर दिन मज़बूत होता जा रहा है। आने वाले वक्‍त यह और भी मजबूत होगा। अखिलेश और मायावती दोनों ही अगले लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन की बात कई बार कह चुके हैं।

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