नोटबंदी से मजदूरों की बढ़ी परेशानी, काम न मिलने से लौट रहे घर
BY Suryakant Pathak17 Dec 2016 9:11 AM IST
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Suryakant Pathak17 Dec 2016 9:11 AM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद सबसे अधिक परेशान होने वाला तबका मजदूरों का है. जैसा विदित है कि दिल्ली की कई जगहों पर सुबह लेबर जुटते हैं. इन जगहों को लेबर चौक कहा जाता है लेकिन नोटबंदी के बाद यहां से लेबर ले जाने की रफ्तार में कमी आई है. लोगों के पास कैश की कमी हो गई है और टेक्नोलॉजी से वाकिफ न होने की वजह से वे काम से वंचित हो गए हैं. इनके पास तो स्मार्टफोन तक नहीं है.
राजस्थान प्रांत से ताल्लुक रखने वाले मूलचंद विकलांग हैं और पिछले 30 साल से मजदूरी करके अपना पेट पाल रहे हैं. एक कमरे के घर में 6 लोगों के साथ गुजर-बसर कर रहे हैं. मूलचंद के चार बच्चे हैं और उनकी पत्नी भी मजदूरी ही करती है. मूलचंद से बातचीत करने पर वे फफक पड़ते हैं. वे इस बात को भी बताने में अक्षम हैं कि वे किन भयावह स्थितियों में जी रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के कन्नौज से ताल्लुक रखने वाले मर्दान सिंह कहते हैं कि वे भी मजदूरी की तलाश में रोज लेबर चौक पहुंचते हैं. उन्हें रोज काम मिलने में काफी दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने अब अपने बीवी और बच्चे को गांव भेजने का फैसला लिया है. वे कहते हैं कि नोटबंदी के बाद से उन्हें पर्याप्त काम मिलने में खासी दिक्कत उठानी पड़ रही है.
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