खुलासा: 'उड़ता पंजाब' के लिए मोदी सरकार ने डाला था दबाव, कहा- पास नहीं होनी चाहिए!
BY Jan Shakti Bureau19 Aug 2017 6:44 PM IST
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Jan Shakti Bureau19 Aug 2017 6:55 PM IST
सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) अक्ष्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पहलाज निहलानी ने बोर्ड में अपने कार्यकाल के दौरान हैरान कर देना वाला खुलासा किया है। पूर्व सीबीएफसी अक्ष्यक्ष ने यूट्यूब चैनल लहरें टीवी को साक्षात्कार देते हुए कहा है कि पिछले साल (2016) रिलीज हुई फिल्म 'उड़ता पंजाब' को पास नहीं करने का सरकार की तरफ से उनके ऊपर दवाब था। मंत्रालय ने साफ कहा था कि फिल्म पास नहीं होनी चाहिए। पूरे इंटव्यू को यूट्यूब चैलन पर पोस्ट किया गया है। वीडियो में बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कह रहे हैं कि मंत्रालय ने उनसे 'उड़ता पंजाब' पास नहीं करने को कहा था। उन्होंने आगे कहा, 'मुझपर बहुत जगह से फिल्म को पास नहीं करने का दवाब था। मंत्रालय ने भी मुझसे फिल्म को पास नहीं करने के लिए कहा था।
खुद पंजाब से फिल्म को लेकर आदेश दिए गए कि फिल्म पास नहीं होनी चाहिए। सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष रहने का नाते मुझपर जो चार्ज था उसके नियम-कायदों को देखते हुए फिल्म को पास किया।'गौरतलब है कि पहलाज निहलानी ने सीबीएफसी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद ये खुलासे किए हैं। इससे अब मौजूदा सरकार की छवि पर अब सवाल उठने लगे हैं। बता दें कि बीते साल 'उड़ता पंजाब' को लेकर पंजाब में राजनीतिक घमासान पैदा हो गया था। अप्रत्यक्ष रूप से इसकी वजह इस साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव थे। जबकि फिल्म में पंजाब में फैले ड्रग्स को लेकर दिखाया गया कंटेंट कहीं ना कहीं पंजाब के ड्रग्स नुमा चेहरे को बेनकाब कर रहा था।
उस दौरान फिल्म को लेकर सूबे की सत्तापक्ष सरकार की भी खासी नींद उड़ी हुई थी। फिल्म की वजह से पंजाब में वोट बैंक पर कोई आंच ना आए इसलिए इसे बैन करने के लिए भी खासा दवाब बनाया गया था। खुद सूबे की सरकार ने सीबीएफसी ये कहकर फिल्म को बैन करने की मांग की थी कि इसमें पंजाब की गलत छवि पेश की गई है। हालांकि तब विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने अकाली दल पर फिल्म बैन करने की मांग पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी ने भी आरोप लगया था पंजाब में चुनाव होने जा रहे हैं इसलिए फिल्म को राजनीतिक कारणों से रिलीज नहीं होने दिया जा रहा है।
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