मैं देश नहीं बिकने दूंगा : सोने से ज़्यादा महंगी Railway Colony की इस ज़मीन को प्राइवेट कंपनियों को दे रही है मोदी सरकार
केंद्र सरकार द्लारा लाए गए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसान देश के कुछ औद्योगिक घरानों के ख़िलाफ़ जमकर विरोध कर रहा है। किसान का आरोप है कि सरकार औद्योगिक घरानों के हाथों खेती भी बेच डालना चाहती है।
जनशक्ति: केंद्र सरकार द्लारा लाए गए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसान देश के कुछ औद्योगिक घरानों के ख़िलाफ़ जमकर विरोध कर रहा है। किसान का आरोप है कि सरकार औद्योगिक घरानों के हाथों खेती भी बेच डालना चाहती है। वहीं, इसी बीच मीडिया में एक और ख़बर चल रही है कि केंद्र सरकार रेलवे की महंगी ज़मीन (Railway colony) प्राइवेट कंपनियों को देने जा रही है।
क्या है पूरा मामला ?
एनडीटी की ख़बर के अनुसार, केंद्र सरकार ने दिल्ली की तीस हज़ारी मेट्रो और कश्मीरी गेट से लगी रेलवे कॉलोनी (Railway colony) की बेशकीमती ज़मीन को प्राइवेट कंपनियों को लीज़ पर देने जा रही है। इस ज़मीन को दिल्ली की बेशक़ीमती ज़मीनों में शुमार किया जाता रहा है। ये ज़मीन क़रीब 21800 स्क्वायर मीटर है। फिलहाल 393 करोड़ इसकी रिजर्व प्राइज रखी गई है। सरकार ने इसके लिए ऑनलाइन बिड जारी किया है। ऑनलाइन बिड की अंतिम तारीख 27 जनवरी है।
रेलवे की खाली पड़ी ज़मीन को विकसित करने के लिए रेल भूमि विकास प्राधिकरण यानि Rail Land Development Authority बनाई गई थी जो पूरे देश के 84 रेलवे कॉलोनियों को इसी तर्ज पर विकसित करने का इरादा रखता है। इस ज़मीन पर PPP मॉडल के तहत पांच साल में कॉलोनी से लेकर मॉल और दुकानें बनानी हैं।