Rajya Sabha Election: सुशील मोदी के खिलाफ ताल ठोकेंगे महागठबंधन के ये दिग्गज नेता
Rajya Sabha Election: बिहार में राज्यसभा की एक सीट के लिए 14 दिसंबर को उपचुनाव कराया जाएगा. जबकि 3 दिसंबर तक नामांकन पत्र दाखिल किया जा सकेगा. इस उपुचनाव में बिहार एनडीए और महागठबंधन (Mahagathbandhan) में दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल सकती है.
पटना: बिहार की एक सीट पर होने वाले राज्यसभा चुनाव (Bihar Rajya Sabha Election) की लड़ाई दिलचस्प होती दिख रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के दिग्गज नेता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के निधन से खाली हुई इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) को अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि महागठबंधन की तरफ से भी इस सीट को लेकर कवायद जारी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरजेडी श्याम रजक (Shyam Rajak) को मैदान में उतारने की तैयारी में जुटी हुई है.
एक बार फिर एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू का साथ छोड़कर आरजेडी का दामन थामने वाले श्याम रजक को राज्यसभा उम्मीदवार बनाना एक तरह से विधायक का टिकट न मिलने की भरपाई के तौर पर देखा जा रहा है. जबकि आरजेडी नेता के मैदान में उतरने से सुशील कुमार मोदी को चुनौती मिलना तय है. वैसे इससे पहले महागठबंधन बिहार विधानसभा में स्पीकर के चुनाव में अपना उम्मीदवार उतार कर एनडीए की परेशानी बढ़ा चुका है. हालांकि जीत एनडीए को ही मिली थी.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर काम कर रहे श्याम रजक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के बाद छह साल के लिए निलंबित कर दिया था. इसके बाद उन्होंने आरजेडी का दामन थाम लिया था. हालांकि उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल सका था. वैसे बिहार की राजनीति में श्याम रजक पिछले तीन दशक से एक चर्चित नाम हैं. बात चाहे लालू के दरबार की हो या फिर नीतीश के कैबिनेट की, श्याम रजक हर जगह चर्चित रहे हैं. जबकि श्याम रजक इससे पहले आरजेडी में ही थे. यही नहीं, श्याम रजक बिहार में जेडीयू के लिए तुरुप का इक्का भी साबित होते थे. यही कारण है कि वोटों के समीकरण को ध्यान में रखते हुए उनको नीतीश कुमार की सरकार में दो-दो बार मंत्री का पद मिला. इसके अलावा लालू दरबार में भी श्याम की खासी पूछ थी और वो राबड़ी देवी की सरकार में भी पावरफुल मंत्री थे.
बहरहाल, राज्यसभा की इस एक सीट पर चुनाव आयोग पूरी तैयारी कर चुका है और 14 दिसंबर को उपचुनाव होगा. गौरतलब है कि रामविलास पासवान भाजपा और जेडीयू के सहयोग से 2019 में निर्विरोध चुने गए थे. इस सीट का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक है. बिहार से ऊपरी सदन के सदस्य पासवान का इसी 8 अक्टूबर को निधन हो गया.