UN पहुंची हाथरस की आग, अधिकारी ने दिया बड़ा बयान
भारत ने सोमवार को यूनाइटेड नेशंस के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर के भारत में महिलाओं पर हिंसा को लेकर दिए गए बयान की निंदा करते हुए इसे ‘अनुचित’ बताया. विदेश मंत्रालय ने UN के अधिकारी की ओर से हाल ही में देश में हुए महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर बयान की आलोचना करते हुए कहा कि अभी जांच प्रक्रिया चल रही है और ‘किसी भी बाहरी एजेंसी की ओर से गैर-जरूरी बयानों से बचा जाना चाहिए.’
नई दिल्ली: हाथरस केस को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है तथा देश भर में प्रदर्शनों का दौर जारी है, यहां पर 19 साल की एक लड़की कथित रूप से बर्बरता से रेप किया गया था. उसे शरीर में कई जगह गंभीर चोटें और फ्रैक्चर आया था. 14 सितंबर को हुई घटना के बाद पीड़िता ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था. इस केस में चार आरोपी थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
भारत ने सोमवार को यूनाइटेड नेशंस के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर के भारत में महिलाओं पर हिंसा को लेकर दिए गए बयान की निंदा करते हुए इसे 'अनुचित' बताया. विदेश मंत्रालय ने UN के अधिकारी की ओर से हाल ही में देश में हुए महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर बयान की आलोचना करते हुए कहा कि अभी जांच प्रक्रिया चल रही है और 'किसी भी बाहरी एजेंसी की ओर से गैर-जरूरी बयानों से बचा जाना चाहिए.'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'भारत में महिलाओं पर हुए हालिया हिंसा की घटनाओं पर UN के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ने कुछ अनुचित बयान दिए हैं. भारत में UN रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर को यह पता होना चाहिए कि सरकार ने इन मामलों को बहुत गंभीरता से लिया है. चूंकि जांच प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में किसी भी बाहरी एजेंसी की ओर के गैरजरूरी बयान से बचा जाना चाहिए. भारत का संविधान हर नागरिक को बराबर का अधिकार देता है. एक लोकतंत्र के रूप में हमारे पास समाज के हर वर्ग को न्याय मिलने का टाइम-टेस्टेड रिकॉर्ड है.'
गौरतलब है की सोमवार को भारत में UN की ईकाई ने उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर में हुए रेप के मामलों को लेकर एक बयान जारी किया था. इसमें कहा गया था, 'हाथरस और बलरामपुर में कथित रेप केस फिर इस बात को याद दिलाते हैं कि वंचित सामाजिक समूहों से आने वाली लड़कियां बड़े स्तर पर लिंग आधारित हिंसा के खतरे में हैं.'