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हाथरस कांड : गांव वालों ने कहा- हमारे साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो रहा

गैंगरेप पीड़िता के गांव में परिंदा भी पर न मार पाए, इसके लिए पुलिस की जबर्दस्त किलेबंदी है। गांव में मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी गई, किसी नेता को जाने नहीं दिया जा रहा है, खुद डीएम जाकर परिवार से धमकी भरे अंदाज में बात कर रहे हैं।

हाथरस कांड : गांव वालों ने कहा- हमारे साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो रहा
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लखनऊ : पुलिस ने हाथरस जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया है। गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैए से लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि अपने ही गांव में हमसे अपराधियों जैसा सलूक हो रहा है। गैंगरेप पीड़िता के गांव में परिंदा भी पर न मार पाए, इसके लिए पुलिस की जबर्दस्त किलेबंदी है। गांव में मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी गई, किसी नेता को जाने नहीं दिया जा रहा है, खुद डीएम जाकर परिवार से धमकी भरे अंदाज में बात कर रहे हैं। आज उसका एक भाई खेतों के रास्ते पुलिसकर्मियों की नजर से बचते हुए जैसे तैसे गांव के बाहर मीडियाकर्मियों के पास आया और उसने पुलिस की बर्बरता की कहानी बताई। पीड़िता के भाई ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पुलिस ने घर में घेराबंदी कर रखी है। गांव, गली, घर में। घर के बाहर और घर के छत पर पुलिस तैनात है। किसी को भी बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। मीडिया से बात करने पर पाबंदी है। पीड़िता के भाई ने बताया कि हमारे परिवार को डराया धमकाया जा रहा है। उसने बताया कि उसकी भाभी मीडिया से मिलना चाहती है और कल डीएम ने उसके ताऊ की छाती पर लात मारी थी। वह बात कर रहा था कि इसी बीच पुलिसवालों की नजर उस पर पड़ गई और वह वहां से खेत के रास्ते डरते भागते हुए घर निकल गया।

पीड़िता के भाई ने कहा कि कुछ नहीं हो रहा है। फोन ले लिया गया है। किसी को निकलने नहीं दे रहे हैं। घरवालों ने मुझसे कहा कि आप लोगों (मीडिया) को बुला लाऊं, बात करना चाहते हैं। मैं यहां छिपकर आया हूं। आने नहीं दे रहे हैं। हमारे ताऊ भी आ रहे थे। कल डीएम ने उनकी छाती पर लात मारा, फिर वह बेहोश हो गए थे। फिर कमरे में बंद कर दिया गया था।

पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज खींचे

हाथरस गैंगरेप केस में हंगामा और राजनीति जारी है। राहुल-प्रियंका के बाद आज तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने गैंगरेप पीड़ित के गांव में जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गांव के बाहर ही रोक दिया। टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन को धक्के मारकर जमीन पर गिरा दिया। ब्रायन के साथ तृणमूल की 2 महिला सांसद और एक पूर्व सांसद गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहते थे। इस डेलिगेशन में शामिल पार्टी की पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज खींचे और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया, वे नीचे गिर गईं। फीमेल पुलिस के होते हुए मेल पुलिस ने हमारी सांसद को छूआ। यह शर्म की बात है।



तृणमूल सांसदों का यह समूह 200 किमी दूर दिल्ली से आया था. इनमें डेरेक ओ'ब्रायन, काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मोंडल और (पूर्व सांसद) ममता ठाकुर हैं. रोके गए सांसदों में से एक सांसद ने कहा, 'हम शांति से हाथरस की ओर बढ़ रहे हैं पीड़ित परिवार से मिलकर अपनी सांत्वना देने जा रहे हैं. हम अलग-अलग यात्रा कर रहे हैं और सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. हमने कोई हथियार नहीं लिए हैं. हमें रोका क्यों गया है?'

तृणमूल के आरोप झूठे

हालाकि, हाथरस के एसडीएम (सदर), प्रेम प्रकाश मीणा का कहना है कि SIT टीम गांव के अंदर है। जांच प्रभावित नहीं हो, इसलिए किसी को भी अंदर जाने की परमिशन नहीं है। तृणमूल की महिला नेताओं को महिला पुलिसकर्मियों ने वापस जाने को कहा था। जब उन्होंने जबरदस्ती की तो, महिला कांस्टेबलों ने रोका। ये आरोप झूठे हैं कि मेल पुलिस ने महिला नेताओं को छुआ।

उधर, पुलिस ने दोपहर 3:50 बजे गांव में 'नो एंट्री' पर बयान दिया। पुलिस के एक अफसर ने कहा कि मीडिया को एसआईटी की जांच तक रोका गया है। जैसे ही एसआईटी की जांच पूरी हो जाएगी, मीडिया को गांव के अंदर जाने के परमिशन दी जाएगी। आज एसआईटी के अफसरों ने गांव में जाकर बयान दर्ज किए।

राहुल-प्रियंका को यूपी पुलिस ने 4 घंटे हिरासत में रखा था

राहुल और प्रियंका गांधी गुरुवार को गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलने जाना चाहते थे। लेकिन, ग्रेटर नोएडा में उनका काफिला रोक लिया गया। वे कार से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ने लगे। करीब ढाई किमी चले थे कि इकोटेक-1 थाना इलाके में राहुल-प्रियंका को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान पुलिसवाले ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी। धक्कामुक्की में राहुल जमीन पर गिर गए। राहुल-प्रियंका को पुलिस ने 4 घंटे बाद छोड़ा।

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