Home > प्रदेश > उत्तर प्रदेश > 2019 से पहले महागठबंधन को लेकर अखिलेश ने कर दी यह बड़ी घोषणा, बोले- बसपा के लिए करेंगे त्याग, भाजपा के उड़े होश
2019 से पहले महागठबंधन को लेकर अखिलेश ने कर दी यह बड़ी घोषणा, बोले- बसपा के लिए करेंगे त्याग, भाजपा के उड़े होश
BY Jan Shakti Bureau11 Jun 2018 4:05 PM IST
X
Jan Shakti Bureau11 Jun 2018 9:41 PM IST
लखनऊ: लोकसभा के अगले चुनाव में उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की खुली पैरवी कर रहे समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बसपा के साथ उनका गठबंधन जारी रहेगा. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अगर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लिए कुछ सीटें त्याग करनी पड़ेंगी तो वे पीछे नहीं हटेंगे. क्योंकि गठबंधन से ही बीजेपी की हार सुनिश्चित होगी. उधर, अखिलेश यादव के इस बयान पर भाजपा ने उनके (अखिलेश) की सियासी योग्यता पर सवाल उठाया है.सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी में आयोजित एक जनसभा में कहा कि समाजवादियों का दिल बड़ा है. अगर दो चार सीटें आगे पीछे करनी होंगी और त्याग करना होगा तो करेंगे. उन्होंने कहा कि अब भाजपा को चिंता है कि वे इस काम को कैसे करेंगे. हम अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ इस काम को करेंगे, जो उनके (बसपा कार्यकर्ताओं) साथ खड़े रहेंगे और उन्हें सहयोग करेंगे. बता दें कि प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को दावा किया था कि सपा और बसपा की दोस्ती ज्यादा नहीं चलेगी और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही इसका अंत हो जाएगा.
Our alliance with BSP will continue, in 2019 even if we have to give up a few seats we will do it. We have to ensure BJP is defeated: Akhilesh Yadav,SP pic.twitter.com/5vq4AA9frs
— ANI UP (@ANINewsUP) June 11, 2018
भाजपा बोली, अखिलेश ने टेके घुटने
अखिलेश ने हाल ही में कहा था कि सीटों के बंटवारे पर उचित समय पर बात की जाएगी. अभी इस बारे में कोई बातचीत नहीं हो रही है. इस बीच, भाजपा ने अखिलेश के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे घुटने टेकने जैसा बताया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कई चुनाव जीते और हारे लेकिन कभी इतना झुककर कोई समझौता नहीं किया, जितना अखिलेश कर रहे हैं. अखिलेश का बसपा के आगे यूं घुटने टेकना, इस बात को जाहिर करता है कि या तो अखिलेश में सियासी योग्यता की कमी है, या फिर उनमें संघर्ष करने का माद्दा नहीं है.
लोकसभा के उपचुनाव में बसपा ने दिया था समर्थन
बता दें कि बसपा ने मार्च में हुए गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा को समर्थन दिया था और सपा दोनों ही सीटें जीत गयी थी. उसके बाद से दोनों दल करीब आये और यह सिलसिला राज्यसभा तथा विधान परिषद के पिछले चुनावों में भी जारी रहा. तब से सपा अध्यक्ष अखिलेश विभिन्न मौकों पर बसपा को धन्यवाद देते नजर आ रहे हैं और लम्बा साथ निभाने का विश्वास व्यक्त कर रहे हैं. हालांकि पिछले दिनों कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा के उपचुनावों में बसपा ने सपा के पक्ष में कोई खुली अपील जारी नहीं की थी. हालांकि अखिलेश ने विश्वास व्यक्त किया था कि उन्हें बसपा का भी समर्थन मिला है. सपा और बसपा की इस दोस्ती पर सत्तारूढ़ भाजपा नेता लगातार कह रहे हैं कि 'अवसरवादी गठबंधन' का नेता कौन होगा. उनका यह भी कहना है कि यह गठजोड़ ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा. (इनपुट एजेंसी)
Next Story